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दिल्ली सरकार ने जब अनधिकृत कालोनियों को नियमित नहीं किया तब केन्द्र ने यह काम किया: हरदीप पुरी

हरदीप पुरी ने कहा कि जमीन और स्थानीय कालोनियों में विकास कार्य राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है, इसलिये इन कालोनियों में नागरिक सुविधाओं की बदहाली और कालोनियों को नियमित नहीं कर पाने के लिये दिल्ली सरकार जवाबदेह है।

02:02 PM Feb 05, 2020 IST | Desk Team

हरदीप पुरी ने कहा कि जमीन और स्थानीय कालोनियों में विकास कार्य राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है, इसलिये इन कालोनियों में नागरिक सुविधाओं की बदहाली और कालोनियों को नियमित नहीं कर पाने के लिये दिल्ली सरकार जवाबदेह है।

नयी दिल्ली : आवास एवं शहरी विकास मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि दिल्ली सरकार ने जब अनधिकृत कालोनियों को नियमित नहीं किया तब केन्द्र सरकार ने इन कालोनियों में बदहाली में रह रहे लगभग 40 लाख लोगों को संपत्ति का मालिकाना हक देने का फैसला किया। 
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पुरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि जमीन और स्थानीय कालोनियों में विकास कार्य राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है। इसलिये इन कालोनियों में नागरिक सुविधाओं की बदहाली और कालोनियों को नियमित नहीं कर पाने के लिये दिल्ली सरकार जवाबदेह है, ‘‘ लेकिन दिल्ली सरकार ने जब अपना काम नहीं किया तब केन्द्र सरकार को 40 लाख लोगों को संपत्ति का मालिकाना हक देने का फैसला करना पड़ा। ’’ 
उन्होंने बताया कि दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी (जेजे क्लस्टर) इलाके में रहने वाले लगभग दस लाख लोगों को ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ फार्मूले के तहत नये और पक्के मकान बनाकर दिये जायेंगे। 
पुरी ने कहा कि इस फार्मूले के तहत दिल्ली और मुंबई सहित अन्य महानगरों के झुग्गी वासियों का पुनर्वास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि झुग्गीवासियों के लिये अब तक दिल्ली और मुंबई में 7.31 लाख मकान बन गये हैं और इनमें से 6.45 लाख मकान लाभार्थियों को आवंटित कर दिये गये हैं। 
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