कब होगा सूर्य का मेष राशि में प्रवेश, जानिए किस राशि की चमकेगी किस्मत और सभी बारह राशियों पर प्रभाव
सूर्य का मेष राशि में प्रवेश: जानिए आपकी राशि पर क्या होगा असर
सूर्य का मेष राशि में प्रवेश 14 अप्रैल को होगा, जिससे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। सूर्य के इस गोचर से विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। मेष राशि वालों को मान-सम्मान मिलेगा, जबकि वृषभ राशि वालों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मकारक ग्रह माना जाता है। किसी जमाने में राजा-महाराजाओं की जन्म कुंडली में सूर्य लग्न को उदय लग्न से भी अधिक महत्व प्राप्त था। वैसे सामान्य तौर पर वैदिक काल से ही उदय लग्न और चन्द्र लग्न के बाद सूर्य लग्न की कुंडली भी प्रायः बनाई जाती है। इन तीनों लग्नों के आधार पर सुदर्शन चक्र बनाया जाता है। लेकिन माना जाता है कि समाज के उच्चतम वर्ग के लोगों की सूर्य कुंडली ही देखनी चाहिए। यदि कोई बहुत ऊंचे ओहदे पर है उसकी कुंडली में भी सूर्य लग्न का प्रधानता देनी चाहिए। इन बातों से यह सिद्ध होता है कि सूर्य स्वयं में एक लग्न है। सूर्य उच्चतम सफलता, सरकार या राजनीति में उच्च पद और प्रसिद्धि का प्रधान कारक है। कहा जाता है कि सूर्य प्रधान लोग समाज में सूर्य की भांति ही चमकते हैं। सूर्य प्रधान लोग दूसरों से पृथक दिखाई देते हैं।
कितने समय तक रहते हैं सूर्य राशि में
सूर्य देव एक राशि में करीब एक माह तक रहते हैं। इस प्रकार से सूर्य एक राशि चक्र को पूर्ण करने में करीब एक वर्ष का समय लेते हैं। अंग्रेजी तारीखों के आधार पर सूर्य का राशि परिवर्तन करीब-करीब समान ही रहता है। ज्यादा से ज्यादा कुछ घंटों या एक दिन का अंतर आ सकता है। वर्तमान में सूर्य मीन राशि में है। मीन राशि में सूर्य को कमतर समझा जाता है। इसलिए जब तक सूर्य मीन राशि में रहते है। तब तक सभी तरह के मुहूर्त और मांगलिक कार्यों पर रोक रहती है। मान्यता है कि गुरु के घर में सूर्य होने से उसके तेज में क्षति होती है। जिससे किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों को एक माह तक स्थगित रखा जाता है। जैसे ही सूर्य मीन से मेष में प्रवेश करता है। सभी तरह के मांगलिक कार्यक्रम आरम्भ हो जाते हैं। आगामी 14 अप्रैल को सूर्य अपना एक राशि चक्र पूर्ण करके मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मेष राशि मंगल की राशि है। और इस राशि में सूर्य उच्चस्थ माना जाता है। यदि जन्म कुंडली में मेष राशि का सूर्य अंशबली होकर लग्न में चला जाए तो जातक की सरकारी खजाने में हिस्सेदारी हो जाती है। पूर्ण बलवान सूर्य पैतृक संपत्ति दिलाता है और पिता से भी धन प्राप्त होता है। सरकार में उच्च पद प्राप्त होता है।
कब होगा सूर्य के मेष राशि में प्रवेश
भगवान सूर्य देव, वैशाख कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, संवत् 2082, रविवार को मीन से मेष में राशि परिवर्तन करेंगे। तद्नुसार यह योग अंग्रेजी दिनांक 13 और 14 अप्रैल 2025 की मध्य रात्रि 3 बजकर 22 मिनट पर होगा। इस दिनांक के बाद सूर्य करीब एक माह तक अपनी उच्च राशि मेष को सुशोभित करेंगे। इसे ज्योतिषीय भाषा में मेष संक्रान्ति कहा जाता है। मेष राशि मंगल की राशि है। यह पुरुष संज्ञक और चर राशि है। अग्नि तत्त्व की यह राशि चतुष्पद और रक्त वर्ण की राशि है। पूर्व दिशा की स्वामिनी यह राशि क्षत्रिय वर्ण में आती है। इस राशि में सूर्य उच्चस्थ होता है और शनि नीचस्थ। जब कि मंगल इस राशि में स्वगृही होता है।
कैसा रहेगा आपके लिए यह गोचर
हालांकि सूर्य का किसी राशि में गोचर केवल माह तक ही रहता है लेकिन सूर्य के तेज के कारण उसके गोचरीय प्रभाव को विशेष महत्व प्राप्त है। लेकिन यदि जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ और पीड़ित है तो गोचर में उसका प्रभाव कम दिखाई देता है। क्योंकि किसी भी ग्रह की क्षमता जन्म कुंडली पर निर्भर करती है। यदि जन्म के समय सूर्य बलवान हो तो जब भी सूर्य का गोचर शुभ स्थानों पर आये तो उसका प्रभाव बहुत शुभ और प्रभावी होता है। कमजोर सूर्य का गोचरीय प्रभाव भी कमजोर होगा। इसलिए कुंडली को प्रधानता देनी चाहिए। यहां जो सूर्य का गोचर दिया जा रहा है वह आपकी नाम राशि के आधार पर है। इसे इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
मेष राशि – मंगल और सूर्य में नैसर्गिक मित्रता है। आपकी राशि पर सूर्य होने से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी और लोगों का सहयोग मिलने से बिजनेस या सर्विस में नये अवसर मिल सकेंगे। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा संभव है। मन में भी धर्म के प्रति आस्था में वृद्धि होगी। किसी धार्मिक क्रिया-कलाप के भागीदारी का अवसर प्राप्त होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
वृषभ राशि – जो लोग बिजनेस करते हैं उनके लिए यह माह बहुत अच्छा नहीं जायेगा। बारहवें स्थान का सूर्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी देता है। खासतौर पर आंखों में खुजली जैसी समस्या हो सकती है। मानसिक प्रताड़ना और कार्यों में बाधा की आशंका बनी रहेगी। परिवार से दूर किसी यात्रा पर जाना पड़ सकता है लेकिन यह यात्रा ज्यादा लाभदायक रहे, इसकी संभावना बहुत कम है।
मिथुन राशि – मेष राशि में सूर्य का गोचर आपके लिए बिजनेस की परेशानियां कुछ हद तक कम कर सकता है। विद्यार्थियों के लिए भी अच्छा समय रहेगा। यदि प्राइवेट नौकरी में है तो बडे अधिकारियों के संपर्कों का लाभ मिलेगा। कोर्ट-कचहरी जैसे मामलों में आपका पक्ष मजबूती से सामने आयेगा। दांपत्य जीवन में सौहार्द बना रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर चल रही किसी चिंता से छुटकारा मिलेगा।
कर्क राशि – आपकी राशि से दसवें भाव का सूर्य निर्विवाद रूप से अच्छा फल देना चाहिए। इसलिए सूर्य का यह गोचर शुभ रहेगा। आपको बिजनेस में सफलता मिल सकती है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होने की संभावनाएं में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का पाया उत्तम रहेगा। जो विद्यार्थी किसी प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं उनको सफलता मिल सकती है। केवल अपने प्रयासों में तेजी दिखाने की आवश्यकता है।
सिंह राशि – आधुनिक अनुभवों में आता है कि किसी भी राशि से नवम घर का सूर्य बहुत खराब नहीं है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। परिस्थितियों का सामना करेंगे तो अवश्य कुछ हासिल कर पायेंगे। परिश्रम का पूरा लाभ मिल जायेगा। पहले से किये गये प्रयासों से भी लाभ होना संभावित है। हालांकि आलस्य और थकान से पीड़ित रह सकते हैं। कहीं घूमने या पर्यटन की योजना बन सकती हैं
कन्या राशि – आठवां सूर्य पिता से मतभेद पैदा करता है। यदि परिवार में किसी पुश्तैनी संपत्ति को लेकर कोई विवाद चल रहा है तो उसमें आपका पक्ष कमजोर हो सकता है। इसलिए बहुत सोच समझ कर योजना बनाएं। यदि बिजनेस करते हैं तो अनावश्यक यात्राओं से बचने की कोशिश करें क्योंकि इस एक माह में दूर प्रदेशों की यात्राएं हो सकती हैं जिनसे लाभ की संभावना कम है।
तुला राशि – हालांकि सातवें घर में में सूर्य के गोचर को सामान्य खराब ही माना जाता है। इस गोचर में जीवन साथी से सामंजस्य बैठाने में परेशानी हो सकती है। वैसे भी सूर्य एक गर्म ग्रह है। जो स्वभाव में क्रोध और आवेश की मात्रा को बढ़ा सकता है। लेकिन तुला राशि से सूर्य ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है जो कि रोजगार में उच्चस्थ होने से कुछ हद तक रोजगार या बिजनेस में वृद्धि के संकेत भी दे सकता है।
वृश्चिक राशि – गोचर में जब कोई क्रूर या पाप ग्रह छठे भाव में आये तो वह हमेशा बहुत शुभ फल देता है। ऐसी गोचर पद्धति में मान्यता है। कार्यों में सफलता और नये अवसरों की प्राप्ति होती है। इसलिए आपके लिए यह सूर्य का मेष राशि में होना किसी सौगात से कम नहीं है। सोचे गये कार्यों के पूर्ण होने की संभावना बनेगी और आर्थिक उन्नति के साथ ही सरकार की किसी योजना से भी लाभ उठा सकेंगे।
धनु राशि – जब किसी राशि से कोई पाप या क्रूर ग्रह पांचवां हो तो वह पुत्र संतान के संबंध में चिंता देता है। संतान के करियर को लेकर कोई नई चिंता इस सामने आ सकती है। रिश्तेदारों और मित्रों से अनबन रह सकती है। भाग्य का साथ बहुत कम मिलेगा इसलिए परिश्रम की मात्रा को बढ़ाएं और कोई अवसर हाथ से नहीं जाने दें। जो लोग शेयर आदि का काम करते हैं उनहें लाभ के सौदे मिलने में परेशानी हो सकती हैं
मकर राशि – आपकी राशि से चौथा सूर्य जनता से आपके संबंधों में खटास पैदा कर सकता है। इसलिए सावधानी रखें। खासतौर जो लोग राजनीति से जुड़े हुए हैं उनको परेशानी का अनुभव होगा। जो लोग सर्विस करते हैं उनका तबादला हो सकता है या जगह छोड़नी पड़ सकती है। शारीरिक तौर पर भी स्वयं का थका हुआ अनुभव करेंगे। आलस्य के कारण बहुत से कार्य समय पर पूर्ण नहीं होंगे।
कुंभ राशि – तीसरे स्थान का सूर्य वह सफलता भी दे सकता है जिसकी आपने आशा नहीं की हो। यदि आप विद्यार्थी हैं और किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो सफलता का प्रतिशत बढ़ सकता है। रूके हुए कार्यों में प्रगति होगी। यदि बिजनेस करते हैं तो बहुत से लाभ के सौदे होने की संभावना बनेगी। सांसारिक सुख की वस्तुओं पर खर्च हो सकता है।
मीन राशि – दूसरे स्थान का सूर्य बैंक बैलेंस का नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। आंखों संबंधी कोई परेशानी हो सकती है। इसलिए स्वास्थ्य के संदर्भ में आपको सचेत रहने की सलाह दी जाती है। यदि दांपत्य जीवन में पहले से कोई समस्या चल रही है तो अधिक सावचेत रहने की आवश्यकता है। आपका एक गलत फैसला समस्या को उग्र रूप दे सकता है। परिवार से अलग रहने का योग बन सकता है।