कब मिलेगा आपको पहला प्यार,जानें आपकी कुंडली में प्रेम विवाह का योग है या नहीं?
जीवन में कई लोग प्रेम विवाह करना चाहते हैं, लेकिन कुछ सफल हो जाते हैं तो कुछ के प्रेम विवाह में बाधाएं आ जाती हैं। ऐसे में जानिए कुंडली में प्रेम विवाह का योग कब बनता है
01:07 PM Nov 21, 2022 IST | Desk Team
प्यार एक ऐसा एहसास है जो कभी भी किसी को भी हो सकता है।प्रेम विवाह दो व्यक्तियों के आपसी प्रेम, परवाह, आकर्षण और वादे से हुए मेल को कहते है।जीवन में कई लोग प्रेम विवाह करना चाहते हैं, लेकिन कुछ सफल हो जाते हैं तो कुछ के प्रेम विवाह में बाधाएं आ जाती हैं। ऐसे में जानिए कुंडली में प्रेम विवाह का योग कब बनता है?
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जन्म कुंडली में कभी कभी ऐसे योग होते हैं। जो प्रेम विवाह के योग कहलाते हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा के अनुसार आपका राशिफल ही नहीं बल्कि जीवन का हर पहलू ही प्रभावित होता है। ग्रहों की दशा बताती है कि आपके नसीब में प्यार है या नहीं। आइये जानते हैं कि कुंडली में ऐसे कौन से कारक होते हैं जो प्रेम योग को दर्शाते हैं।
प्रेम विवाह के योग-ज्योतिषशास्त्र के अनुसार प्रेम प्राप्ति में शुक्र, चंद्रमा और मंगल का अहम योगदान होता है। अगर ग्रह आपकी कुंडली में सही स्थिति में हैं तो दिल मिलना तय समझ लीजिए। शुक्र ग्रह स्त्री, पति-पत्नी, प्रेम संबंध, कारक माना जाता है। प्रेम विवाह का योग तब बनता है। जब मंगल राहु से या शनि से एक साथ मिल रहा हो।
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तमेश पर राहु,शुक्र या शनि की दृष्टि विराजमान हो तब प्रेम विवाह का योग बनता है।
जन्म कुंडली में जब पंचम स्थान पर राहु और केतु दोनों स्थित हो। तब प्रेम विवाह संभव होता है।शुक्र या चन्द्रमा लग्न से पंचम या नवम हों तो प्रेम विवाह कराते हैं।
जिन जातकों की कुंडली में ये योग नहीं है वो ये उपाय करे-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रेम विवाह के लिए तीन माह तक लगातार हार गुरुवार को किसी भी मंदिर में जाकर प्रसाद चढ़ाएं और फिर उस भोग को लोगों में भी बांटें। इससे जल्द ही प्रेम विवाह के योग बनेंगे।
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