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'जहां दिखे गोली मार दो...', लीक हुई शेख हसीना की ऑडियो क्लिप! मुश्किलों में घिरीं बांग्लादेश की पूर्व PM

03:50 PM Jul 09, 2025 IST | Amit Kumar
'जहां दिखे गोली मार दो...', लीक हुई शेख हसीना की ऑडियो क्लिप! मुश्किलों में घिरीं बांग्लादेश की पूर्व PM

बांग्लादेश में पिछले साल सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन देखा गया था. इन प्रदर्शनों की शुरुआत 1971 की आजादी की लड़ाई में सम्मानित सैनिकों के बेटों-बेटियों को सिविल सेवा में आरक्षण न मिलने के विरोध में हुई थी, लेकिन बाद में यह आंदोलन आम जन आंदोलन में तब्दील हो गया और हिंसा में लगभग 1,500 लोग मारे गए.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में अधिकांश वे लोग थे जो सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान शहीद हुए. इस हिंसा का स्वरूप इतना भयंकर हो गया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और उनके हटने तक विरोध जारी रहा.

लीक हुआ ऑडियो

इस बीच हाल ही में मीडिया की तरफ से एक ऑडियो क्लिप जारी की गई है जिसमें शेख हसीना बोलती सुनाई देती हैं. इस ऑडियो में वे सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारी पर एक्शन लेने के लिए ख रही हैं. उन्होंने अपने अधिकारियों से यह भी कहा कि ‘जहां भी पाए उन्हें गोली मार दी जाए’. यह ऑडियो मार्च में ऑनलाइन लीक हुआ था.

ऑडियो  को अहम सबूत के तौर पर पेश..

बांग्लादेश में इसी ऑडियो को सरकारी अभियोजक शेख हसीना के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं. बता दें, कि शेख हसीना पर पहले ही मानवता के खिलाफ अपराधों की विभिन्न धाराओं में विशेष न्यायाधिकरण के समक्ष मुकदमा चल रहा है. अभियोजकों की योजना है कि इस लीक ऑडियो का इस्तेमाल उनकी दलीलों को मजबूत करने और दोष सिद्धि में मददगार साबित करने के लिए किया जाए.

अवामी लीग का कड़ा इंकार

शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि ऑडियो क्लिप में जो बात कही गई है, वह झूठी और राजनीतिक प्रेरित है. उनका कहना है कि इस ऑडियो को संदर्भ से बाहर पेश किया गया है और इसमें कोई अवैध या आपत्तिजनक हिस्सा नहीं है.

हिंसक संघर्ष की गंभीरता

पिछले साल के इन प्रदर्शनों को उल्लेखनीय इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि यह स्वतंत्रता के तत्काल बाद से अब तक का सबसे बड़ा रक्तपातपूर्ण संघर्ष था. प्रदर्शनकारियों का शांतिपूर्ण विरोध जब जल्दी हिंसक हो गया, तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. 15 साल से सत्ता संचालित शेख हसीना का राजनीतिक दबदबा ऐसे हालातों में जर्जर हो गया था.

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