Ahmedabad Plane Crash: प्लैन क्रेश के दौरान कौन सी सीट होती है सबसे अधिक सुरक्षित?
प्लैन क्रेश के दौरान कौन सी सीट सबसे अधिक सुरक्षित?
विमान हादसों के बाद अक्सर सवाल उठता है कि विमान में कौन सी सीट सबसे सुरक्षित होती है. आइए जानते हैं कि विमान दुर्घटना में किस सीट पर बैठे यात्रियों के बचने की संभावना अधिक होती है.
Plane Crash In Ahmedabad: अहमदाबाद के मेघानी नगर में एक एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. यह हादसा एक रिहायशी क्षेत्र में हुआ है, जिसमें कुल 242 लोग सवार थे. दुर्घटना के बाद मौके से धुएं का काला गुबार उठता हुआ दिखाई दिया. सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट जाने वाले सभी मार्ग बंद कर दिए गए हैं. ऐसे विमान हादसों के बाद अक्सर सवाल उठता है कि विमान में कौन सी सीट सबसे सुरक्षित होती है. आइए जानते हैं कि विमान दुर्घटना में किस सीट पर बैठे यात्रियों के बचने की संभावना अधिक होती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों के दौरान हुए गंभीर विमान हादसों ने लोगों को चिंतित कर दिया है. 25 दिसंबर 2024 को कजाखस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें 67 में से 38 यात्रियों की मौत हो गई. इसके बाद 29 दिसंबर 2024 को भी दक्षिण कोरिया में भी एक विमान दुर्घटना हुई, जिसमें 179 लोगों में से 177 की मौत हुई थी. इन हादसों से सवाल उठा कि जो लोग बच पाए, वे किस सीट पर बैठे थे?
विमान के पीछे की सीटें हैं अधिक सुरक्षित!
दक्षिण कोरिया और कजाखस्तान के हादसों की तस्वीरों व वीडियो से पता चलता है कि बचने वाले यात्री विमान के पीछे की सीटों पर बैठे थे. दक्षिण कोरिया के हादसे में विमान का अधिकांश हिस्सा जल गया, लेकिन पीछे का भाग अपेक्षाकृत सुरक्षित बचा. कजाखस्तान में भी रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान विमान के पिछले हिस्से से लोगों को निकाला गया, जो कम नुकसान पहुंचा था.
इतने ही नहीं, 2013 में सैन फ्रांसिस्को एयरपोर्ट पर हुए एशियाना एयरलाइंस के हादसे में भी पीछे की सीटों पर बैठे यात्री बच निकले. 1989 में सिओक्स सिटी में विमान दुर्घटना में भी अधिकांश यात्री इकोनॉमी क्लास के आगे वाले हिस्से में थे, जो सुरक्षित रहे. ये उदाहरण दर्शाते हैं कि सीट का स्थान सुरक्षा के लिहाज से बहुत मायने रखता है.
पीछे की सीटें क्यों ज्यादा सुरक्षित होती हैं?
अधिकतर विमान दुर्घटनाएं सामने या मध्य हिस्से पर होती हैं, जिससे आगे के भाग को ज्यादा नुकसान होता है. पीछे का हिस्सा टक्कर से बचने के लिहाज से अपेक्षाकृत सुरक्षित रहता है. हालांकि, यात्रियों को पीछे की सीटों पर बैठना पसंद नहीं होता क्योंकि वहां लेगरूम कम होता है, वॉशरूम होता है, और क्रू मेंबर भी अधिकतर वहीं रहते हैं.
कौन सी सीटें सबसे कम सुरक्षित ?
पीछे की सीटों की तुलना में बीच की सीटें सबसे ज्यादा जोखिम भरी होती हैं. इसके पीछे कारण है कि पंखों के पास ये सीटें होती हैं, जहाँ विमान का ईंधन होता है. हादसे की स्थिति में यहां आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, पंखों के पास की सीटें चाहे दिखने में आकर्षक लगें, वे सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित नहीं होतीं.
Ahmedabad Plane Crash: पूर्व CM विजय रूपाणी थे सवार, सीट नंबर 2 D पर थे
वैज्ञानिक रिपोर्ट में सीट सुरक्षा का आंकलन
टाइम मैगज़ीन ने पिछले 35 वर्षों में हुए विमान हादसों का विश्लेषण किया. रिपोर्ट के अनुसार, पीछे की सीटों पर मृत्युदर केवल 28% है, जबकि बीच की सीटों पर यह 44% तक जाती है. परन्तु यह ध्यान देना जरूरी है कि हर विमान हादसा अलग होता है और बचाव का परिणाम हादसे के प्रकार, परिस्थिति, और पायलट की दक्षता पर निर्भर करता है.