Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

हम आपके हैं कौन...

बड़ी ही हैरानगी की बात है दिल्ली में हैल्थ इमरजैंसी घोषित हो गई। बच्चे, बुजुर्ग सब घर बैठ गए हैं। लोग बीमार हो रहे, सांस की तकलीफ हो रही है।

04:36 AM Nov 03, 2019 IST | Aditya Chopra

बड़ी ही हैरानगी की बात है दिल्ली में हैल्थ इमरजैंसी घोषित हो गई। बच्चे, बुजुर्ग सब घर बैठ गए हैं। लोग बीमार हो रहे, सांस की तकलीफ हो रही है।

बड़ी ही हैरानगी की बात है दिल्ली में हैल्थ इमरजैंसी घोषित हो गई। बच्चे, बुजुर्ग सब घर बैठ गए हैं। लोग बीमार हो रहे, सांस की तकलीफ हो रही है। कुछ दिन पहले हम बहुत खुश थे, दिल्ली के सरकारी स्कूल बहुत अछा काम कर रहे है, मोहल्ला क्लीनिक काम कर रहें, लोगों से सुन रहे थे, बिजली-पानी का बिल कम हो रहा है। उधर 370 धारा हटने के बाद बहुत खुश थे विदेश में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ने पर, कश्मीर, लद्दाख को नया वजूद मिल गया है। कभी हम सैंटर कभी स्टेट दिल्ली सरकार की तारीफ कर रहे थे, परंतु अब जो दो दिनों में देखने को मिल रहा है। 
Advertisement
मेरा मन कहता है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से पूछ ही लूं कि हम आपके कौन हैं? क्योंकि दिल्ली सरकार सारा दोष केंद्र पर और हरियाणा, पंजाब सरकार पर डाल रही है। केंद्र सरकार के कुछ नेता इसको दिल्ली सरकार पर थोप रहे हैं, बहुत सुना था कि कोई हादसा दो स्टेट के बॉर्डर पर या दो एरिया के बॉर्डर पर हो जाए तो पुलिस पहले यह तय करती थी कि हादसा किसके क्षेत्र में हुआ। तब केस रजिस्टर्ड या कार्यवाही होती थी। आज यही दशा दिल्ली निवासियों की है। हमें समझ ही नहीं आ रहा कि हम किसके हैं। 
चलो ये बात बाद में तय कर लेना हम किसके हैं या हम आपके कौन हैं? पहले हमें इस गैस चैंबर से तो बचाइए क्योंकि इस जहरीली गैस में दम घुट रहा है। बुरा लगा जब घर के किचन में काम करने वाले ने आकर कहा मैडम जी छुट्टी चाहिए, मैंने पूछा कि अभी तो पिछले महीने गये थे, तो अब क्या? उसने झट से कहा कि दिल्ली में दम घुट रहा है। गांव जाकर ताजी हवा मिलेगी, छठ पूजा भी कर आएंगे। हम तो सारे देश के अंकल्स से पूछ रहे हैं कि हम कहां जाएं क्योंकि एक हवा ही फ्री थी, परंतु वो भी प्रदूषित हो गई। 
मेरी प्रार्थना है केंद्र और स्टेट के लोग बैठें और इसका हल ढूंढे, इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। कहते हैं इससे सबकी उम्र भी कम हो रही है क्योंकि  आगे ही मिलावटी सब्जियां, फल खाकर बहुत सी बीमारियां हो रही हैं। हर 10वें घर में कैंसर आ रहा है, इसे राजनीति का विषय न बनाकर लोगों की जिंदगी बचाई जाए। हम जानते हैं इसका मेन रिजन पराली और मोटर कार है। इसे बैठकर इमरजैंसी की तरह डील करना चाहिए। पर्यावरणविद् कहते हैं कि पराली को ट्रैक्टर में छोटी मशीन द्वारा काटकर खेतों में ही बिखेरा जा सकता है। इससे आगामी फसल को प्राकृतिक खाद मिल जाएगी और प्राकृतिक जीवाणु और लाभकारी कीट जमीन की शक्ति को बढ़ाने के लिए पराली के अवशेषों में ही पल जाएंगे। 
बहुत बार पराली जलाई जाने, धुएं वाले मोटर कार चलाने पर कानून बन चुके हैं। हमारा जहां ऑफिस और घर है वहां सबसे ज्यादा प्रदूषण है। ऑफिस के लिए और घर के लोगों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो रहा है। जितना मर्जी मास्क बांट लें, आंखों के लिए दवाईयां बांट दें कम हैं। सभी हम मास्क पहनकर एलियन लग रहे हैं।  पूरे उत्तर भारत की स्थिति खराब है। इसलिए क्यों नहीं सभी मिलकर एक्शन लेकर इससे निबटें। क्या कुछ समय के लिए राजनीति कम हो सकती है? हर दिल्ली का निवासी लगभग 20-25 सिगरेट के बराबर धुआं अंदर कर रहा है। इसलिए सभी उत्तर भारत के प्रतिनिधि इकट्ठे हों और कोई न कोई सॉल्यूशन निकालें क्योंकि हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है।
Advertisement
Next Article