कौन हैं कश्मीर की वो 3 बेटियां? जिन्होंने कड़े संघर्ष के बाद JEE एडवांस्ड 2025 में रचा इतिहास
कड़े संघर्ष के बाद कश्मीर की बेटियों ने JEE में किया कमाल
कश्मीर की तीन बेटियों, मलीहा हारिस, सदफ मुश्ताक और जनीस ने जेईई एडवांस्ड 2025 में सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया है। इनकी मेहनत और आत्मविश्वास ने सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को पार करते हुए उन्हें तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्टता दिलाई। उनकी उपलब्धि ने कश्मीरी लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर दिखा दिया कि सपने पूरे किए जा सकते हैं।
JEE Advanced 2025: आईआईटी कानपुर द्वारा 2 जून 2025 को जेईई एडवांस्ड 2025 का रिजल्ट घोषित किया गया, जिसमें कोटा के रजित गुप्ता ने ऑल इंडिया टॉप किया है.इस बार का परिणाम कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. पहली बार कोटा के स्थानीय छात्र ने टॉप किया. वहीं बंगाल भाषा से पढ़ने वाली पश्चिम बंगाल की एक छात्रा ने महिला वर्ग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया. इसके साथ ही कश्मीर की तीन बेटियों ने भी यह कठिन परीक्षा पास कर एक नया इतिहास रच दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीर को आमतौर पर उसकी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन वहां की सामाजिक और आर्थिक चुनौतियां अक्सर लड़कियों की शिक्षा में बाधा बनती हैं.इसके बावजूद, इस साल तीन कश्मीरी छात्राओं ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा पास कर पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित किया है. इन तीनों ने साबित कर दिया कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और आत्मविश्वास ही असली हथियार हैं.
तीन होनहार बेटियों की सफलता की कहानी
श्रीनगर के ‘राइज़’ कोचिंग संस्थान से पढ़ने वाली मलीहा हारिस, सदफ मुश्ताक और जनीस ने जेईई एडवांस्ड 2025 में शानदार प्रदर्शन कर दिखा दिया कि कश्मीर की बेटियां भी तकनीकी शिक्षा में पीछे नहीं हैं.मलीहा हारिस ने जेईई मेन 2025 में 99.24 पर्सेंटाइल हासिल किया और वह उन चार लड़कियों में शामिल थीं जिन्होंने 99 पर्सेंटाइल स्कोर किया.
सामाजिक और सांस्कृतिक रुकावटों को पार करते हुए मलीहा ने अपनी पढ़ाई में फोकस बनाए रखा.उनका सपना है कि वे आईआईटी में तकनीकी नवाचार (technological innovation) की दिशा में काम करें और देश के तकनीकी क्षेत्र में योगदान दें.
सदफ मुश्ताक का संघर्ष
वहीं पुलवामा की रहने वाली सदफ मुश्ताक ने जेईई मेन में 99.50 पर्सेंटाइल प्राप्त किए थे.वह 10वीं कक्षा में राज्य की टॉपर रही हैं.खराब मौसम, इंटरनेट की बंदी और अन्य मुश्किलों के बावजूद उन्होंने पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखी.सदफ का मानना है कि शिक्षा समाज को बदलने की सबसे बड़ी ताकत है.उन्होंने इस परीक्षा को एक जंग की तरह लड़ा और जीत हासिल की.
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बेटियों के लिए प्रेरणा बनीं जनीस
जनीस की उपलब्धि ने कश्मीर की बेटियों के लिए एक नई प्रेरणा का काम किया है.उनके पास कोई गाइड या रोडमैप नहीं था, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी लगन और आत्मविश्वास के दम पर यह सफलता प्राप्त की.जनीस का मानना है कि यह जीत केवल उनकी नहीं, बल्कि हर उस लड़की की है जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती है.