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कौन हैं वो तीन खिलाड़ी, जिनके साथ-साथ रिटायर हुई उनकी जर्सी नंबर भी

जो क्रिकेट जगत में अपनी ऐसी छाप छोड़ जाते है, जिससे उनको याद रखने के लिए उनके टी शर्ट यानि कि जर्सी नंबर रिटायर कर दिया जाता है, मतलब उस महान खिलाड़ी के जर्सी नंबर को कोई और खिलाड़ी नहीं पहन सकता.

04:33 PM Jul 19, 2022 IST | Desk Team

जो क्रिकेट जगत में अपनी ऐसी छाप छोड़ जाते है, जिससे उनको याद रखने के लिए उनके टी शर्ट यानि कि जर्सी नंबर रिटायर कर दिया जाता है, मतलब उस महान खिलाड़ी के जर्सी नंबर को कोई और खिलाड़ी नहीं पहन सकता.

हम खिलाड़ी के रिटायरमेंट के बारे में तो सुनते रहते हैं. लेकिन खिलाड़ियों के जर्सी के रिटायरमेंट के बारे में तो बहुत कम ही सुना होगा. जी हां, कुछ ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो क्रिकेट जगत में अपनी ऐसी छाप छोड़ जाते है, जिससे उनको याद रखने के लिए उनके टी शर्ट यानि कि जर्सी नंबर रिटायर कर दिया जाता है, मतलब उस महान खिलाड़ी के जर्सी नंबर को कोई और खिलाड़ी नहीं पहन सकता.
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तो अब तक वैसे तीन खिलाड़ी हुए हैं जिनका जर्सी नंबर अब कभी भी उनके टीम का कोई भी खिलाड़ी नहीं पहन सकता.
तो ऐसे में सबसे पहले खिलाड़ी का नाम है दिवंगत क्रिकेटर फिलिप ह्यूज का, जिनका जर्सी नंबर था 64. वो ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाड़ी थे. घरेलू क्रिकेट खेलते वक्त उनके सिर पर सिन एबोट की एक बाउंसर जा लगी थी, जिसके बाद वो वही क्रिज पर बेहोश हो गए थे, और फिर उसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, पर अपने जन्मदिन से तीन दिन पहले 27 नवंबर को अस्पताल में उनकी मौत हो गई.  इस दुखद घटना के बाद उनकी याद में उनके जर्सी नंबर 64 को भी रिटायर कर दिया गया. अब कोई भी खिलाड़ी 64 नंबर की जर्सी पहनकर मैदान पर नहीं उतर सकता.
इसके बाद नाम आता है उस खिलाड़ी का, जिससे आप सब बिल्कुल ही अंजान हैं, जिसका नाम आपने शायद ही सुना होगा, जी हां, नेपाल के कप्तान पारस खड़का ने पिछले ही साल अगस्त में क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी. जिसके बाद क्रिकेट बोर्ड ने फैसला किया कि उनके 77 नंबर जर्सी को उनके याद में रिटायर कर दिया जाए. तभी से यह फैसला लिया गया अब कोई भी नेपाल का खिलाड़ी 77 नंबर की जर्सी पहनकर नहीं खेलेगा.
इसके बाद आता है नाम मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का, जिन्हें लोग क्रिकेट का भगवान भी कहते है. उनके बारे में क्या ही कहना, उनकी पहचान से तो पूरी दुनिया रूबरू है. जब तक क्रिकेट खेला जाएगा, तब तक उनका नाम इतिहास के पन्नों में सबसे ऊपर सुनहरे अक्षरों में रहेगा. एक वक्त था जब सचिन क्रीज पर होते थे  तभी तक लोगों के टीवी भी ऑन रहते थे. सचिन आउट तो टीवी भी बंद. उन्होंने जितना क्रिकेट से पहचान बनाया उतना ही उनसे क्रिकेट की पहचान है. उनके जर्सी नंबर 10 को अब भारत का कोई भी खिलाड़ी नहीं पहन सकता क्योंकि सचिन के सम्मान में उसके साथ-साथ उनके जर्सी को भी रिटायर कर दिया गया. हालांकि उनके संन्यास लेने के तुरंत बाद उनके जर्सी को रिटायर नहीं किया गया, बल्कि उनके बाद भारत के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने अपने करियर की शुरुआत में 10 नंबर की जर्सी पहली शुरू की मगर आलोचनाओं की वजह से उन्हों अपनी जर्सी नंबर 10 से 54 करना पड़ा और तभी क्रिकेट बोर्ड ने सचिन के इस 10 नंबर के जर्सी को रिटायर करने का फैसला किया.
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