Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

WHO के विशेषज्ञों ने डेल्टाक्रॉन की वास्तविकता से किया इंकार, सेलिब्रिटी कपल के नाम करें मर्ज... रोगों को नहीं

साइप्रस के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उनकी टीम ने डेल्टाक्रॉन नामक एक नए कोविड-19 वैरिएंट की पहचान की है।

04:47 PM Jan 10, 2022 IST | Desk Team

साइप्रस के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उनकी टीम ने डेल्टाक्रॉन नामक एक नए कोविड-19 वैरिएंट की पहचान की है।

साइप्रस के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उनकी टीम ने डेल्टाक्रॉन नामक एक नए कोविड-19 वैरिएंट की पहचान की है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में भारतीय मूल की कोविड विशेषज्ञ डॉ. कृतिका कुप्पल्ली ने कहा कि डेल्टाक्रॉन वास्तविक नहीं है। कुप्पल्ली, जो कोविड तकनीकी टीम का हिस्सा हैं, उन्होंने ट्विटर पर कहा, “डेल्टाक्रॉन वास्तविक नहीं है और संभवत: सीक्वेंसिंग आर्टिफैक्ट (डेल्टा नमूने में ओमिक्रॉन सीक्वेंस अंशों का प्रयोगशाला संदूषण या कोंटामिनेशन) के कारण है।”
Advertisement
संक्रामक रोगों के नाम मर्ज न करें :WHO विशेषज्ञ
उन्होंने कहा, चलिए. संक्रामक रोगों के नाम मर्ज न कीजिए और इसे सेलिब्रिटी कपल पर छोड़ दें। इससे पहले, इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक वायरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक ने कहा था कि कई बड़े मीडिया आउटलेट्स द्वारा रिपोर्ट किया गया साइप्रस डेल्टाक्रॉन सीक्वेंस काफी स्पष्ट रूप से दूषित दिखाई देता है।
डेल्टाक्रॉन वैरिएंट न होकर हो सकता है वास्तविक वैरिएंट का दूषित रूप 
वायरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक का कहना है कि डेल्टाक्रॉन वैरिएंट न होकर वास्तविक वैरिएंट का दूषित रूप हो सकता है। जब नए वैरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है तो इस तरह के कंटेनिमेटेड वर्सन पैदा हो सकते हैं। इन्हें आमतौर पर वैरिएंट नहीं माना जाता है। इनकी सॉर्स सीओवी-2 वायरस की तरह आनुवांशिक कड़ी नहीं जुड़ती है।
अभी तक स्पष्ट नहीं है कि डेल्टाक्रॉन के नमूने असली हैं
केंट विश्वविद्यालय में मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफेसर मार्टिन माइकलिस ने द मिरर को बताया कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि नमूने असली हैं, या बाकी सीक्वेंसिंग त्रुटि या संदूषण (कोंटामिनेशन) के कारण है। उन्होंने कहा, जहां तक मैं बता सकता हूं, साइप्रस के शोधकतार्ओं ने सार्स-सीओवी-2, कोरोना वायरस, जो कोविड का कारण बनता है, के नमूनों को अनुक्रमित (सीक्वेंसिंग) किया है, और जीनोमिक सीक्वेंस प्राप्त किए हैं जो ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट की विशेषताओं को जोड़ते हैं। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्या यह वास्तविक है या अनुक्रमिक त्रुटि या संदूषण का परिणाम है। 
डेल्टाक्रॉन को लेकर हुआ था यह दावा 
इससे पहले, साइप्रस यूनिवर्सिटी में बायोलॉजिक साइंसेस के प्रोफेसर और बायोटेक्नॉलजी के प्रमुख लियोनडिओस कोस्त्रिकिस ने दावा किया था नया कोरोना वायरस का वैरिएंट डेल्टाक्रॉन साइप्रस में पाया गया है।कोस्त्रिकिस ने दावा किया था कि उनकी टीम ने 25 लोगों में एक नए वैरिएंट डेल्टाक्रॉन का पता लगाया है।
कोस्त्रिकिस के अनुसार, साइप्रस में लिए गए 25 नमूनों में से 11 को वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि 14 सामान्य आबादी से थे। हालांकि, साइप्रस के स्वास्थ्य मंत्री मिखलिस हाडजीपांडेलस के हवाले से कहा गया है कि नया वैरिएंट इस समय चिंता का विषय नहीं था।
साइप्रस मेल ने बताया कि यह काफी संभव है कि नया स्ट्रेन कहीं और नहीं पाया गया है और मामलों के सीक्वेंस जीआईएसएआईडी को भेजे गए हैं, जो एक ओपन एक्सेस डेटाबेस है, जो कोरोना वायरस में हो रहे बदलाव को ट्रैक करता है। स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के मोलेक्यूलर जीवविज्ञानी एरिक टोपोल ने एक ट्वीट में कहा है कि डेल्टाक्रॉन को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।

AAP के रूप में उत्तराखंड को मिल रहा नया विकल्प, सिसोदिया बोले- कांग्रेस और BJP ने महज राज्य को लूटा

Advertisement
Next Article