कौन है 16 साल के Abhimanyu Mishra? जिन्होंने Youngest Chess World Champion Gukesh को दी मात
Abhimanyu Mishra : World Champion Gukesh Dommaraju को समरकंद, उज्बेकिस्तान में FIDE ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट के छठे राउंड में ग्रीस के निकोलस थियोडोरौ से हार का सामना करना पड़ा। यह उनकी लगातार दूसरी हार थी। इससे पहले, गुकेश पिछली राउंड में अमेरिका के Abhimanyu Mishra से हार गए थे। Abhimanyu Mishra वह खिलाड़ी है जिन्होंने सिर्फ 12 साल, 4 महीने, 25 दिन की उम्र में सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर का रिकॉर्ड बनाया। मिश्रा ने world champion के खिलाफ एक क्लासिकल मैच जीतने वाला सबसे युवा खिलाड़ी होने का Honour अपने नाम किया है।
Abhimanyu Mishra का रिकॉर्ड ब्रेकिंग सफर
Abhimanyu Mishra सिर्फ 16 साल के हैं और उन्होंने अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम किये हैं। सबसे पहले, उन्होंने 2016 में 7 साल, 6 महीने, 22 दिन की उम्र में USCF रेटिंग 2000 प्राप्त कर ली, जो उस समय सबसे कम उम्र का रिकॉर्ड था। इस रिकॉर्ड को पहले GM Awonder Liang के पास था।
Abhimanyu Mishra ने नवंबर 2019 में 10 साल, 9 महीने, 20 दिन की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर (IM) का खिताब हासिल किया। यह भी एक अहम उपलब्धि थी, क्योंकि वे तब सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने।
2021 में, बुडापेस्ट में हुए एक इवेंट में मिश्रा ने सर्गेई कर्जाकिन के रिकॉर्ड को तोड़ा। कर्जाकिन ने GM का खिताब 2002 में लगभग 12 साल, 7 महीने की उम्र में हासिल किया था। मिश्रा ने इस रिकॉर्ड को तोड़ कर यह साबित कर दिया कि वे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने के काबिल हैं। इसी तरह मिश्रा ने भारतीय प्रग्गनानंधा द्वारा बनाए गए सबसे युवा IM बनने के रिकॉर्ड को भी पार किया।
Abhimanyu Mishra के Coach का क्या है कहना ?
मिश्रा के कोच GM अरुण प्रसाद ने कहा है कि मिश्रा ने उस मुकाम तक पहुँचने के लिए कड़ी मेहनत की है जिसे उन्होंने हासिल किया है। उनके दूसरे कोच, ग्रैंडमास्टर मागेश पनचानाथन ने मिश्रा के व्यक्तित्व और परिश्रम की तारीफ करते हुए कहा:
“Abhi is one of the most hardworking kids I have ever seen. His work ethic comes directly from his dad Hemant, who is one of the pillars behind his success. I have known Abhi since he was five years old. We have worked very hard on his game through the years. His main coach Arun has spent countless hours on his openings and his middle game to get him to the position he is in now,”
पिता हेमंत मिश्रा ने भी Abhimanyu Mishra की मेहनत और लगन में हमेशा साथ दिया। अरुण प्रसाद ने उनके ओपनिंग्स और मिडल गेम पर विशेष काम किया। धीरे-धीरे, मिश्रा ने दिखाया कि कैसे निरंतर अभ्यास और लगन से खिलाड़ी सबसे युवा उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है।
Abhimanyu Mishra की कहानी सिर्फ उम्र के रिकॉर्ड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस जुनून की कहानी है जो उन्होंने शुरू से ही दिखाया है। हर मुकाबला, हर अभ्यास से उन्होंने सीख ली और खुद को बेहतर बनाया। गुकेश जैसी महान शतरंज प्रतिभा से हारने के बाद भी मिश्रा की सफलता की राह अड़ी हुई है।
अगर अब हम देखें, तो मिश्रा ने न सिर्फ सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव पाया है, बल्कि वह ऐसे खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं जो कम उम्र में विश्व स्तर पर छाप छोड़ रहे हैं। उनका उदाहरण यह दिखाता है कि “उम्र केवल एक संख्या है” अगर लगन हो, सही मार्गदर्शन हो, और मन में लक्ष्य हो।