Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

कौन था जैश-ए-मोहम्मद का टॉप कमांडर अब्दुल ऐजाज? जिसकी रहस्यमयी तरीके से हुई मौत

जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर की रहस्यमयी मौत का रहस्य

02:24 AM Jun 03, 2025 IST | Amit Kumar

जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर की रहस्यमयी मौत का रहस्य

जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख कमांडर अब्दुल ऐजाज इसार की रहस्यमयी मौत ने आतंकवादी संगठनों में खलबली मचा दी है। मसूद अजहर के करीबी इसार ने संगठन के ट्रेनिंग कैंप ‘मरकज तालीम’ का संचालन किया। भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकियों में भय का माहौल है।

Jaish-e-Mohammed: जैश-ए-मोहम्मद के केंद्रीय सूरा के सदस्य और ऊंचे दर्जे के कमांडर अब्दुल ऐजाज इसार की मौत हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार, उसकी मौत 2 जून की सुबह करीब 10:30 बजे हुई. इसार आतंकी संगठन के मुखिया मसूद अजहर के बेहद करीबी लोगों में शामिल था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसार न केवल जैश की केंद्रीय फैसले लेने वाली इकाई का सदस्य था, बल्कि गिलगित-बाल्टिस्तान के टैंगर इलाके में मौजूद जैश के ट्रेनिंग कैंप ‘मरकज तालीम’ का संचालन भी उसी के हाथ में था. उसका मुख्य कार्य आतंकियों को ट्रेनिंग देना और स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बना कर संगठन में शामिल करना था.

नमाज़-ए-जनाज़ा और अंतिम संस्कार

2 जून की रात 8:48 बजे, जैश के मुख्यालय ‘मरकज सुभानल्लाह’ में अब्दुल ऐजाज इसार का जनाज़ा पढ़ा गया. इसके बाद उसे उसी परिसर में दफनाया गया, जहां 7 मई को भारत की एयरस्ट्राइक में मारे गए मसूद अजहर के रिश्तेदारों को दफनाया गया था.

अब्दुल ऐजाज इसार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भक्कर जिले का निवासी था. वह 1990 के दशक से मसूद अजहर के संपर्क में था और जैश की आतंकी गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहा था.

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक कार्रवाई

हाल ही में भारत द्वारा चलाया गया “ऑपरेशन सिंदूर” एक प्रभावशाली सैन्य कार्रवाई थी, जिसका मकसद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था. इस ऑपरेशन के तहत जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए गए. खुफिया जानकारी और सैटेलाइट इमेजरी की मदद से टारगेट चिन्हित किए गए थे.

BRICS सम्मेलन में अंतरिक्ष और डिजिटल तकनीक पर चर्चा, भारत ने दोहराई अपनी प्रतिबद्धता

आतंकियों में डर का माहौल

“ऑपरेशन सिंदूर” के बाद न सिर्फ जैश और लश्कर के ठिकाने तहस-नहस हो गए, बल्कि इन संगठनों की भर्ती प्रक्रिया, मानसिक मजबूती और प्रचार अभियान पर भी गहरा असर पड़ा है. आतंकी संगठनों में इस ऑपरेशन के बाद घबराहट और असुरक्षा का माहौल व्याप्त हो गया है.

Advertisement
Advertisement
Next Article