Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

कौन थे नटवर लाल, जिनके निधन की हो रही है चर्चा; जानिए शुरुआती जीवन और राजनयिक करियर

04:27 AM Aug 11, 2024 IST | Shivam Kumar Jha

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का 95 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। नटवर सिंह एक प्रमुख कांग्रेसी थे, जिन्होंने यूपीए के दौर में डॉ. मनमोहन सिंह के अधीन काम किया था। सिंह राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले थे ।इनके पिता राजदरबार में अहम पद पर कार्यरत थे। अगस्त 1967 में उन्होंने महाराजकुमारी हेमिंदर कौर (जन्म जून 1939) से विवाह किया, जो पटियाला राज्य के अंतिम महाराजा यादविंद्र सिंह की सबसे बड़ी बेटी थीं । हेमिंदर की मां मोहिंदर कौर भी सार्वजनिक जीवन में सक्रिय थीं।

शुरुआती जीवन
नटवर सिंह की पढ़ाई अजमेर के मेयो कॉलेज और ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से हुई थी। इनकी हायर एजुकेशन सेंट स्टीफंस कॉलेज,दिल्ली से हुई। जिसके बाद वे आगे की पढ़ाई को लेकर इंग्लैंड के कैंब्रिंज विश्वविद्यालय चले गए। साल 1953 में नटवर सिंह को भारतीय विदेश सेवा (IFS) के लिए चुना गया था। इसमें उन्होंने 31 साल तक सेवाएं दी। उन्होंने चीन, न्यूयॉर्क, पोलैंड, इंग्लैंड, पाकिस्तान, जमैका और जाम्बिया समेत कई देशों में काम किया। इसके बाद 1984 में विदेश सेवा से इस्तीफा देने के बाद वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। उसी साल नटवर सिंह ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की, और उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया। 1989 तक उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। नटवर सिंह ने मई 2004 से दिसंबर 2005 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया।

कैसा रहा राजनयिक करियर
सिंह 1953 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए और 31 वर्षों तक सेवा की। उनकी शुरुआती नियुक्तियों में से एक बीजिंग, चीन (1956-58) में थी. उसके बाद उन्हें भारत के स्थायी मिशन (1961-66) में न्यूयॉर्क शहर में और यूनिसेफ (1962-66) के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने 1963 और 1966 के बीच कई संयुक्त राष्ट्र समितियों में काम किया।1966 में, उन्हें इंदिरा गांधी के अधीन प्रधानमंत्री सचिवालय में तैनात किया गया था। उन्होंने 1971 से 1973 तक पोलैंड में भारत के राजदूत, 1973 से 1977 तक यू.के. में भारत के उप उच्चायुक्त और 1980 से 1982 तक पाकिस्तान में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। उन्होंने मार्च 1982 से नवंबर 1984 तक विदेश मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया। उन्हें 1984 में भारत सरकार से भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण मिला।

Advertisement
Advertisement
Next Article