दिल्ली में मौत का तांडव मचाने वाला तैमूर कौन था और वह भारत में क्यों आया ?
चंगेज खान का वंशज और भारत में मुगल साम्राज्य का गठन करने वाले बाबर का पूर्वज था तैमूर
वह चाहता था की जो मंगोल साम्राज्य टूट चूका है, उसको फिर से खड़ा किया जाये
तैमूर को इतिहास में भारत और रूस की बर्बर विजय के लिए जाना जाता है। वह आधुनिक उज्बेकिस्तान समरकंद का राजा था
उसके भारत आने के मुख्य कारण थे, भारत की विशाल संपदा को नष्ट करना, लूटना, काफिरों के खिलाफ़ “पवित्र युद्ध” लड़ना, मंदिरों और मूर्तियों को नष्ट करना और लोगों को इस्लाम में विश्वास दिलाना
सिंधु नदी पार करने के बाद, 24 सितंबर 1398 को वह पंजाब में दाखिल हुआ
दिसंबर 1398 में पानीपत में जीतने के बाद तैमूर ने दिल्ली का पूरा विनाश कर दिया, लोग मारे गए और दिल्ली खंडहर में तब्दील हो गई
तैमूर के आक्रमण के कारण फसलें नष्ट हो गईं, अन्न भंडार लूट लिए गए, व्यापार और वाणिज्य में गिरावट आई। युद्ध के बाद दिल्ली में भयंकर अकाल पड़ा
लोगों के नरसंहार के कारण पूरा उपनगर संक्रामक हो गया, खून और लाशें बिखरी हुई थीं। बड़ी संख्या में लोगों का कत्लेआम किया गया
इस्लाम की शान के लिए किए गए पवित्र युद्ध के नाम पर खुद तैमूर ने अपने अत्याचारों को उचित ठहराया
ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली को इस बड़े नुकसान से उबरने और फिर से उभरने में लगभग एक सदी लग गई