Russia-Japan Tsunami: भूकंप के बाद क्यों और कैसे आती है सुनामी, किसे होता है ज्यादा खतरा, जानें सबकुछ
Russia-Japan Tsunami: रूस के कमचटका में बुधवार यानी आज सुबह एक शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप की तीव्रता 8.8 मापी गई। इस जोरदार भूकंप के बाद राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने बताया कि रूस, जापान, गुआम, हवाई और अलास्का सहित पूरे प्रशांत क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। कामचटका प्रायद्वीप में 13 फीट ऊंची सुनामी उठने लगी है, जिसमें कई इमारतों को नुकसान पहुंचा। वहीं जापान और अमेरिका के कुछ इलाकों में लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए अलर्ट जारी किया गया। अक्सर भूकंप के बाद सुनामी आने की खबर आती है। आज हम आपको बताते हैं कि भूकंप के बाद सुनामी क्यों और कैसे आती है।
Russia-Japan Tsunami: क्या होती है सुनामी
"सुनामी" शब्द जापानी भाषा से लिया गया है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है- "सु" जिसका अर्थ है समुद्र तट और "नामी" जिसका अर्थ है लहरें। सुनामी विशाल समुद्री लहरे होती हैं, जो सामान्य समुद्री लहरों से बहुत बड़ी होती है। यह समुद्र के अंदर किसी बड़ी हलचल के कारण उत्पन्न होती है।

Russia-Japan Tsunami: क्यों आती है सुनामी
जब समुद्र के अंदर अचानक और बड़ी हलचल होती है, जैसे भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन, तो समुद्र की सतह पर प्रचंड ऊर्जा फैल जाती है। इससे समुद्र में एक विशाल तूफान पैदा होता है, जो लंबी और बड़ी ऊंची लहरों के रूप में बाहर दिखता है। ये लहरें बहुत तेज़ गति से तटों की ओर बढ़ती हैं और ज़मीन से टकराकर तबाही मचाती हैं। इन भयानक लहरों को 'सुनामी' कहा जाता है।
कब होता है सुनामी आने का खतरा
सुनामी का आना भूकंप की तीव्रता पर निर्भर करता है। अगर भूकंप 6.5 तीव्रता से कम का आता है, तो सुनामी का खतरा बहुत कम होता है, लेकिन अगर भूकंप की तीव्रता 7.5 से 7.8 तक बढ़ती है, सुनामी आने का डर होता है। 7.6 से 7.8 तीव्रता के भूकंप समुद्र में ऊंची लहरें पैदा कर सकते हैं। 7.8 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप से स्थानीय सुनामी आ सकती है और भारी तबाही मच सकती है।

अमेरिका ने जारी की चेतावनी
सुनामी का खतरा समुद्री तटीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा होता है। अमेरिकी सुनामी चेतावनी केंद्र ने जानकारी दी है कि रूस और हवाई के उत्तरी द्वीपों पर तीन मीटर से ज़्यादा ऊंची लहरें उठने की आशंका है। जापान, गुआम, चिली, सोलोमन द्वीप और हवाई जैसे क्षेत्रों में 1 से 3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इंडोनेशिया, ताइवान, न्यूज़ीलैंड, मेक्सिको, वानुअतु, समोआ और फिलीपींस समेत 50 से ज़्यादा देशों में 0.3 से 1 मीटर ऊंची लहरों का ख़तरा है। ऑस्ट्रेलिया, चीन और कोरिया जैसे देशों पर अपेक्षाकृत कम असर पड़ने की संभावना है।
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