भारत-पाकिस्तान के बीच अचानक क्यों हुआ सीजफायर? अब सामने आई असली वजह
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक सीजफायर की असली वजह
भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक हुए युद्धविराम का असली कारण सामने आया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने तीन दिनों में सभी सैन्य लक्ष्य पूरे कर लिए थे, जिससे ऑपरेशन को रोकना सही निर्णय था। सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने बताया कि यह भारत की पूर्व निर्धारित रणनीति का हिस्सा था।
Operation Sindoor Ceasefire News: भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम को उस समय अचानक युद्धविराम की घोषणा हुई, जब ऑपरेशन सिंदूर अपने चरम पर था. इस अप्रत्याशित फैसले ने लोगों को चौंका दिया और कई सवाल खड़े हुए कि इतने बड़े सैन्य अभियान को इतनी जल्दी क्यों रोका गया. अब, करीब 20 दिन बाद इस रहस्य से पर्दा उठा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने बताया कि भारत ने अपनी पूर्व निर्धारित रणनीति के तहत ऑपरेशन को सीमित समय में अंजाम दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि सिर्फ तीन दिनों में सभी सैन्य लक्ष्य पूरे कर लिए गए थे, इसलिए उस समय ऑपरेशन रोकना ही सही निर्णय था.
आतंकी हमले का जवाब, ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 6-7 मई की मध्यरात्रि के बाद हुई थी. इसका उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. भारत ने इस अभियान में पाकिस्तान और पीओके में मौजूद कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया.
दुश्मन को भारी नुकसान
इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया. इनमें जैश-ए-मोहम्मद का कुख्यात नेता अब्दुल रऊफ अजहर भी शामिल था. भारतीय सेना के सटीक हमलों ने पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा प्रणाली को भी भारी नुकसान पहुँचाया. स्कर्दू, जैकबाबाद, सरगोधा और भोलारी जैसे प्रमुख हवाई अड्डे नष्ट कर दिए गए.
पाकिस्तान ने मांगा सीजफायर,
7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलीबारी की, जिसमें 15 भारतीय नागरिक और एक सैनिक शहीद हो गए. भारत ने जवाबी हमले में ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल कर नूर खान-चकलाला एयरबेस को निशाना बनाया, जो रावलपिंडी में स्थित है. इस हमले में पाकिस्तानी सेना को गंभीर नुकसान हुआ और कई सैनिक मारे गए.
बड़ी क्षति झेलने के बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की अपील की, जिसे भारत ने मान लिया. जनरल चौहान ने कहा कि यह भारत की रणनीतिक सोच का हिस्सा था, सीमित समय में लक्ष्य हासिल कर, बिना अनावश्यक विस्तार के ऑपरेशन को समाप्त करना.
भारत की दीर्घकालिक रणनीति और नई सोच
सीडीएस चौहान ने यह भी कहा कि भारत आजादी के बाद से ही दीर्घकालिक रणनीति पर काम करता रहा है. उन्होंने बताया कि जहां कभी पाकिस्तान भारत से आगे था, वहीं अब भारत ने आर्थिक, सामाजिक और मानवीय विकास के क्षेत्रों में स्पष्ट बढ़त बना ली है. यह भारत की सुनियोजित नीति और नेतृत्व का परिणाम है.
रिश्तों में दूरी बनाना ही सही निर्णय
जनरल चौहान ने यह भी याद दिलाया कि 2014 में भारत ने दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नवाज़ शरीफ को शपथ समारोह में आमंत्रित किया था. लेकिन पाकिस्तान की तरफ से लगातार दुश्मनी और आतंकी हरकतें जारी रहीं. ऐसे में, अब उससे दूरी बनाना ही भारत के हित में है.
सतर्क है भारत, फिर से उकसावे पर होगा जवाब
सीजफायर के बाद भी भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क है. सेना की तरफ से स्पष्ट कहा गया है कि अगर पाकिस्तान ने फिर किसी भी तरह की उकसावे की कार्रवाई की, तो जवाब पहले से कहीं ज्यादा कठोर होगा. ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को यह साफ संकेत दे दिया है कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा.