क्यों मिला Sai Sudarshan को डेब्यू का मौका,आइये नजर डालते है साई सुदर्शन के करियर पर
साई सुदर्शन का डेब्यू: भारतीय क्रिकेट में नया अध्याय
क्रिकेट में हर डेब्यू सिर्फ एक नए खिलाड़ी की शुरुआत नहीं होती, कभी-कभी वो किसी दूसरे के अधूरे सपनों की कहानी भी लिखता है। लीड्स में भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हुए पहले टेस्ट में ऐसा ही एक भावनात्मक पल देखने को मिला। भारतीय टीम मैनेजमेंट ने बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज़ साई सुदर्शन को टेस्ट डेब्यू का मौका दिया। जबकि लंबे समय से इंतजार कर रहे अनुभवी ओपनर अभिमन्यु ईश्वरन को एक बार फिर बाहर बैठना पड़ा।
तमिलनाडु के साई सुदर्शन की कहानी बीते कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट का सबसे चमकता हुआ ग्राफ बन चुकी है। घरेलू क्रिकेट से IPL तक, और फिर इंटरनेशनल स्टेज पर भी उन्होंने खुद को बार-बार साबित किया है। 2022-23 के रणजी डेब्यू में दो शतक से शुरुआत करने के बाद सुदर्शन ने वनडे, टी20 इंटरनेशनल और काउंटी क्रिकेट तक लगातार अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। खासकर 2025 के आईपीएल सीज़न में 759 रन बनाकर ऑरेंज कैप जीतना उनकी शानदार फॉर्म का सबसे बड़ा प्रमाण बना। उनकी तकनीक इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों के लिए भी फिट मानी जाती है। स्विंग और सीम को खेलने का उनका अंदाज, गेंद को लेट खेलने की क्षमता और लंबी पारी खेलने का टेम्परामेंट टेस्ट क्रिकेट के लिए बड़ा हथियार साबित हो सकता है।
लेकिन इस डेब्यू के दूसरी तरफ एक नाम है अभिमन्यु ईश्वरन। बंगाल के इस टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ ने भारतीय घरेलू क्रिकेट में हर कसौटी पर खुद को साबित किया है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 27 शतक और 6000 से ज्यादा रन हैं। सालों से वो इंडिया ए टीम के नियमित सदस्य रहे हैं और इंग्लैंड की कंडीशंस में भी A टूर पर अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। कई बार स्क्वॉड में शामिल होने के बावजूद बार-बार डेब्यू का सपना अधूरा रह जाना किसी भी खिलाड़ी के लिए मानसिक तौर पर बेहद कठिन होता है।