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England vs India टेस्ट के दौरान खिलाड़ियों ने काले बैंड क्यों पहने? जानिए इसकी वजह

खिलाड़ियों के काले बैंड का कारण

05:12 AM Jun 22, 2025 IST | Nishant Poonia

खिलाड़ियों के काले बैंड का कारण

भारत और इंग्लैंड के बीच हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट के तीसरे दिन दोनों टीमों के खिलाड़ी काले आर्मबैंड पहनकर मैदान पर उतरे। इसकी वजह थी इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज़ डेविड ‘सिड’ लॉरेंस का निधन, जिनका 61 साल की उम्र में मोटर न्यूरोन डिज़ीज़ (MND) से लड़ते हुए देहांत हो गया।

लॉरेंस ने 1988 में इंग्लैंड के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था। उन्होंने 1988 से 1992 के बीच इंग्लैंड के लिए कुल 5 टेस्ट मैच खेले और 18 विकेट लिए। उनके करियर की सबसे यादगार गेंदबाज़ी 1991 में द ओवल में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ रही, जब उन्होंने पांच विकेट चटकाए थे, जिनमें दिग्गज बल्लेबाज़ विव रिचर्ड्स का विकेट भी शामिल था।

बीसीसीआई ने इस बात की पुष्टि की कि दोनों टीमें लॉरेंस को श्रद्धांजलि देने के लिए काली पट्टी पहनकर मैदान पर उतरीं।

बीसीसीआई ने अपने ‘X’ (पहले ट्विटर) अकाउंट पर लिखा –

“दोनों टीमें पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर डेविड ‘सिड’ लॉरेंस को श्रद्धांजलि देने के लिए काली पट्टियाँ पहन रही हैं, जिनका हाल ही में निधन हो गया।”

भयानक चोट ने खत्म किया करियर

लॉरेंस का करियर बहुत कम समय में खत्म हो गया था। 1992 में न्यूज़ीलैंड के वेलिंगटन में एक टेस्ट मैच के दौरान उन्हें घुटने में गंभीर चोट लगी, जिसने उनके इंटरनेशनल करियर को हमेशा के लिए रोक दिया।

इसके बाद लॉरेंस ने घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 1981 में सिर्फ 17 साल की उम्र में ग्लूस्टरशायर के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था। अपने करियर में उन्होंने कुल 170 फर्स्ट क्लास मैच खेले और 477 विकेट चटकाए। उनका बेस्ट प्रदर्शन 7 विकेट के लिए 47 रन रहा, जो उन्होंने वॉरविकशायर के खिलाफ लिया था।

वनडे में भी शानदार आंकड़े

लॉरेंस ने एकदिवसीय क्रिकेट में भी दम दिखाया। उन्होंने 110 वनडे मुकाबलों में 148 विकेट झटके। उनका बेस्ट प्रदर्शन 1991 में एक कॉम्बाइंड यूनिवर्सिटीज़ इलेवन के खिलाफ रहा, जिसमें उन्होंने सिर्फ 20 रन देकर 6 विकेट लिए। ये प्रदर्शन ग्लूस्टरशायर की वनडे हिस्ट्री में तीसरा सबसे अच्छा है।

बीमारी से जंग और परिवार का बयान

2023 में लॉरेंस को मोटर न्यूरोन डिज़ीज़ नामक बीमारी का पता चला था। यह एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है, जिसमें मांसपेशियाँ धीरे-धीरे कमजोर होती जाती हैं और समय के साथ हालत बिगड़ती जाती है।

उनके परिवार ने एक भावुक बयान में कहा, “हमें गहरे दुख के साथ यह बताना पड़ रहा है कि डेव लॉरेंस का निधन हो गया है। उन्होंने बहुत साहस के साथ इस बीमारी से मुकाबला किया। वह मैदान के अंदर और बाहर सभी के लिए प्रेरणा थे। उनके निधन के समय परिवार उनके साथ था।”

डेविड लॉरेंस का जाना क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ी क्षति है, और भारत-इंग्लैंड टेस्ट में उन्हें श्रद्धांजलि देना एक सच्ची क्रिकेट भावना को दर्शाता है।

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