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क्यों बनाती हैं महिलाएं आटा गूंथने के बाद गलियों से निशान

हर घर में रोटी बनाने के लिए आटा गूथा जाता है। लेकिन आटा गूथने के बाद महिलाएं उसमें अपनी उंगलियों से निशान बना देती हैं। निशान बनाने के लिए गुथे आटे में उंगियों को दबा दिया जाता है जिससे निशान बन जाता है।

02:10 PM Jan 06, 2022 IST | Desk Team

हर घर में रोटी बनाने के लिए आटा गूथा जाता है। लेकिन आटा गूथने के बाद महिलाएं उसमें अपनी उंगलियों से निशान बना देती हैं। निशान बनाने के लिए गुथे आटे में उंगियों को दबा दिया जाता है जिससे निशान बन जाता है।

हर घर में रोटी बनाने के लिए आटा गूथा जाता है। लेकिन आटा गूथने के बाद महिलाएं उसमें अपनी उंगलियों से निशान बना देती हैं। निशान बनाने के लिए गुथे आटे में उंगियों को दबा दिया जाता है जिससे निशान बन जाता है। आमतौर पर हम इसे साधारण सी प्रक्रिया मान लेते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है इसके पीछे एक विशेष मान्यता है। 
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आपने अक्सर देखा होगा खासकर महिलाएं रोटी पकाने से पहले जब आटा गूंथतीं हैं तो अंत में उस पर उंगलियों से कुछ निशान बना देती हैं। और फिर कई महिलाएं अपने हाथ में लगा हुआ आटा, गूथे हुए आटे पर चिपकाती हैं।
हिलाओं के द्वारा गुथे हुए आटे पर उंगलियों के निशान बनाने के पीछे किसी भी तरह का वैज्ञानिक कारण नही हैं बल्कि हमारी एक प्राचीन मान्यता है।
दरअसल इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है बल्कि हमारी एक प्राचीन मान्यता है।हमारे सनातन धर्म में पितरों को देने के लिए आटे को गूथकर एक पिंड बनाया जाता है। पिंड का सम्बंध पितरों से जुड़ा हुआ है। पिंडदान के लिए जब आटे की लोई बनाई जाती है तो वह बिल्कुल गोल होती है। इस आटे की लोई को पिंड कहते हैं। परिजन उसे बडे़ ही श्रद्धाभाव से पिंडदान करते है। हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि पितरों को पिंडदान करने से उनका शुभ आर्शीवाद मिलता है। उंगलियों का निशान गुथे आटे में बनाने के पीछे यही कारण है। कहा जाता है कि अगर यह निशान न बनाया जाय तो उसे अशुभ माना जाता है।
मान्यता है कि अगर किसी भी पदार्थ को गुथकर जब पिंड बना दिया जाता है वह पितरों का हक कहलाता है। गूंथा हुआ आटा पूर्वजों के लिए है। मान्यता है कि इस तरह का आटा देखकर पूर्वज किसी भी रूप में आते हैं और उसे ग्रहण करते हैं।
लेकिन जब हम अपने लिए और जीवित प्राणियों के लिए आटा गूंथते हैं तो उसे गोल ना छोड़ कर, उसमें उंगलियों के निशान बना दिए जाते हैं। उंगलियों के निशान गूंथे हुए आटे पर इस बात का प्रमाण हैं कि यह आटा पूर्वजों के लिए नहीं बल्कि जीवित प्राणियों एवं मनुष्य के लिए । अगर आटे पर उंगलियों के निशान रहते हैं , तो वह पिंड का रूप धारण नही करता । बस यही कारण हैं कि गुथे हुए आटे पर उंगलियों के निशान बना दिये जाते हैं ।
गुथे आटे में उंगलियों का निशान बनाने का मनोवैज्ञानि कारण भी है। कहा जाता है कि हम किसी भी कार्य को करने के बाद उसमें अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं। ऐसे में महिलाएं आटा गूथने के बाद उसमें अपनी उंगलियों के निशान बना देती है। चाहे वह बाद में बेलते समय समाप्त ही क्यों न हो जाय।
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