अब तक क्यों दर्ज नहीं हुई FIR, कोटा में छात्रों की आत्महत्या पर Supreme Court की फटकार
कोटा में आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने कोटा पुलिस को नीट छात्र की आत्महत्या पर FIR दर्ज न करने के लिए फटकार लगाई है। कोर्ट ने लगातार हो रहे सुसाइड मामलों पर चिंता जताई और पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने इन अधिकारियों से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन सही से क्यों नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को कोटा पुलिस को स्टूडेंट सुसाइड मामले में फटकार लगाई है। कोर्ट ने कोटा पुलिस को पिछले माह नीट के एक छात्र की आत्महत्या के मामले में FIR दर्ज नहीं करने के लिए नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कोटा में लगातार हो रहे सुसाइड मामलों की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इन अधिकारियों से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन सही से क्यों नहीं किया गया।
जस्टिस शिव मंगल शर्मा ने क्या कहा?
राजस्थान की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अदालत को भरोसा दिया कि कोटा पुलिस ने पहले ही इनक्वेस्ट रिपोर्ट दर्ज कर चुकी है। उन्होंने आगे कहा जल्द ही इस मामले में FIR भी दर्ज की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा छात्रों की बढ़ती आत्महत्या को देखते हुए रोकथाम के लिए एक विशेष जांच टीम बनाई जा चुकी है। ताकि इस मामले को गंभीरता से ली जा सके। अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ
कोर्ट ने AAG शर्मा को आदेश दिया कि आप इस मामले को आगे तक बढ़ाए। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं इस अदालत का पहला अधिकारी हूं, और में दिलासा दिलाता हूं कि जांच विधि अनुसार तार्किक परणिति तक पहुंचाई जाएगी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने 6 मई और 13 मई को पारित अपने पूर्व आदेशों में मामला दर्ज करने में देरी को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। अदालत ने कहा कि इस प्रकार की देरी से न्याय और जवाबदेही दोनों प्रभावित होते हैं।
2024 में 17 सुसाइड केस की FIR दर्ज
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आगे कहा कि साल 2024 में 17 सुसाइड केस को लेकर FIR दर्ज की गई थी। इससे पहले कोर्ट ने 6 मई को सुनवाई के दौरान कहा थी कि कोटा में इस साल का यह 14वीं आत्महत्या थी। इसी दौरान कोर्ट ने पूछा कि क्या इस आत्महत्या के मामले में FIR दर्ज की गई है या नहीं? इस मामले में कोटा के कोचिंग संस्थान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने दलील दी, “छात्रा ने नवंबर 2024 में संस्थान छोड़ दिया था और वह अपने माता-पिता के साथ कोटा में रह रही थी। राजस्थान हाईकोर्ट भी इस मामले की समानांतर निगरानी कर रहा है। ऐसे में इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाना चाहिए। क्योंकि हाईकोर्ट पहले से ही इस मामले पर विचार कर रहा है।”
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