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आखिर क्यों हैं, नरेंद्र मोदी के दिल में राज कपूर?

आख़िर कुछ तो अलग है नरेंद्र मोदी और भारत के अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों…

10:00 AM Dec 17, 2024 IST | Firoj Bakht Ahmed

आख़िर कुछ तो अलग है नरेंद्र मोदी और भारत के अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों…

आख़िर कुछ तो अलग है नरेंद्र मोदी और भारत के अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों में कि सदाबहार हीरो राज कपूर और उनके परिवार के सदस्यों के बीच राज की 100वीं वर्षगांठ की भेंट का वीडियो पूर्ण विश्व में वायरल हो गया। इससे पूर्व कोई भी प्रधानमंत्री इस प्रकार से किसी कलाकार के परिवार से नहीं मिला। कपूर परिवार को आशीर्वाद और प्रधानमंत्री की परिवार के प्रत्येक सदस्य के प्रति जो ममता और वात्सल्य संचारित हुआ उसने इस मुलाकात को ऐतिहासिक बना दिया।

राज कपूर की धमक मात्र भारत या रूस में ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी जबरदस्त है। लेखक को उस समय बड़ा विस्मय हुआ जब पाकिस्तान के प्रचलित उर्दू समाचारपत्र, ‘नवाए वक्त’ में कार्यरत एक रिपोर्टर का उर्दू लेख भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कपूर परिवार से एक्टर के 100वें जन्मदिवस के अवसर पर उनके परिवार से मुलाक़ात पर प्रकाशित हुआ। यही नहीं, लाहौर से किसी ने इस मुलाकात का वायरल वीडियो इस लेखक को भी भेजा। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर, जहीर अब्बास ने कहा है कि आज पाकिस्तान के कई सिनेमाघरों में राज कपूर की 100वीं सालगिरह पर उनकी फिल्में लगाई जा रही हैं। काश सियासत में भी दोनों देशों में ऐसा ही प्यार उमड़ पड़े। इस में कोई दो राय नहीं कि सांस्कृतिक आधारशिला के एतबार से ये दोनों देश एक जैसे कल्चर की साझा विरासत से जुड़े हैं और मोदी को राज कपूर के परिवार को वरदान देते हुए यह वीडियो पाकिस्तान की सवात घाटी से कराची और लाहौर से होते हुए कोएटा तक सभी ने पसंद किया और मोदी को जाना और उनकी पहुंच की प्रशंसा की।

जिस समय राज कपूर, 2 मई 1988 को भारतीय फिल्म जगत का सर्व श्रेष्ठ “दादा साहब फाल्के” पुरस्कार लेने जा रहे थे तो उस समय उनके साथ कई फिल्म क्रिटिक पत्रकार, जैसे यूनुस देहलवी, प्रदीप सरदाना, पंकज वोहरा और ‘महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’, पुणे के संस्थापक कुलपति, प्रो. विश्वनाथ कराड़ भी थे, जिन्होंने आलंदी के निकट राज कपूर की याद में अति भव्य “राज बाग” संग्रहालय और विश्व का सबसे बड़ा 160 फुट डायमीटर के विलक्षण गुंबद की स्थापना भी की है और उनके निकट राज कपूर विश्व के सबसे अधिक प्यारे फिल्म कलाकार हैं और राज की पत्नी, कृष्णा के कहने पर उन्हेंने इसकी स्थापना की। बकौल कराड़, राज को मलक-उल-मौत अर्थात यमराज के दर्शन हो गए थे और उन्होंने सबको अलविदा कह दिया था। भले ही आज राज कपूर का शरीर हमारे बीच नहीं है, मगर वे अपने डायलॉग्स के माध्यम से भारत, रूस, पाकिस्तान, चीन, दुबई, तुर्की और पूर्ण विश्व में अपने चाहने वालों के साथ जुड़े रहेंगे।

पृथ्वीराज कपूर के सबसे बड़े बेटे राज कपूर को उनकी 100वीं जयंती पर उन्हें उनके चाहने वाले, जोकि 60 वर्ष या उससे ऊपर की आयु के हैं आज उन्हें -आवारा, श्री 420, मेरा नाम जोकर, सत्यम शिवम सुंदरम, संगम, प्रेम रोग, राम तेरी गंगा मैली, बूट पॉलिश, जागते रहो, जिस देश में गंगा बहती है, अब दिल्ली दूर नहीं आदि जैसी शानदार फिल्मों की वजह से याद करते हैं। भारतीय सिनेमा जगत के “ग्रेटेस्ट शो मैन”, राज कपूर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए, उनके योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा, “उन्होंने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर पहुंचाया।” प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा है, “हम महान फिल्मकार, दूरदर्शी फिल्म मेकर, एक्टर और एवरग्रीन शोमैन राज कपूर की 100वीं जयंती मना रहे हैं। उनके टैलेंट ने कई पीढ़ियों को प्रभावित किया और भारतीय और वैश्विक सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।”

पीएम नरेंद्र मोदी ने दूसरी पोस्ट में लिखा, “राज कपूर की फिल्मों के लोकप्रिय किरदार और अविस्मरणीय धुनें दुनियाभर के दर्शकों को पसंद आती हैं। लोग उनकी फिल्मों की प्रशंसा करते हैं कि कैसे वे अलग-अलग विषयों को सहजता के साथ बेहतरीन ढंग से उभारते हैं। उनकी फिल्मों का संगीत भी बेहद लोकप्रिय है। उन्होंने आगे लिखा, “राज कपूर सिर्फ एक फिल्म निर्माता नहीं थे, बल्कि एक कल्चरल एंबेसडर थे, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर पहुंचाया। फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं की कई पीढ़ियां उनसे बहुत कुछ सीख सकती हैं। मैं एक बार फिर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और क्रिएटिव दुनिया में उनके योगदान को याद करता हूं।”

वास्तव में राज कपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार और अशोक कुमार (दादा मुनी) की चौकड़ी का उनके समय में ऐसा ही बोलबाला था जैसे आज के खान कलाकारों या कुछ समय पूर्व राजेश खन्ना, राज कुमार, जितेंद्र, संजीव कुमार या मनोज कुमार का दौर था। स्क्रीन पर अपनी कला का प्रदर्शन कर ये कलाकार अमर हो जाते हैं। भारतीय फिल्म जगत को भी 100 साल से अधिक का समय जो चुका है, जिस पर एक और हरदिल अज़ीज़ एक्टर रणवीर सिंह ने एक न्यूज चैनल के कॉनक्लेव में एक शानदार कमेंट्री की है। राज कपूर हमेशा याद आएंगे।

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