सोनम रघुवंशी को क्यों ले जाया जा रहा है ट्रांजिट रिमांड पर? जानिए क्या होता है यह कानून
सोनम रघुवंशी का ट्रांजिट रिमांड: जानिए इसके मायने
राजा रघुवंशी की संदिग्ध मौत और सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से गिरफ्तार किया गया और अब पुलिस उसे मेघालय के शिलांग ले जाने की तैयारी में है। लेकिन इसके लिए पहले पुलिस को ‘ट्रांजिट रिमांड’ की मंजूरी लेनी पड़ी। आखिर ये ट्रांजिट रिमांड होता क्या है?
इंदौर से लापता कपल की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है। राजा रघुवंशी की संदिग्ध मौत और सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से गिरफ्तार किया गया और अब पुलिस उसे मेघालय के शिलांग ले जाने की तैयारी में है। लेकिन इसके लिए पहले पुलिस को ‘ट्रांजिट रिमांड’ की मंजूरी लेनी पड़ी। आखिर ये ट्रांजिट रिमांड होता क्या है? राजा और सोनम रघुवंशी हाल ही में शादी के बाद हनीमून मनाने शिलांग गए थे। दोनों अचानक लापता हो गए और कुछ ही दिनों बाद राजा रघुवंशी का शव एक खाई में मिला। जांच में जो खुलासा हुआ, उसने सबको चौंका दिया—राजा की मौत हत्या थी, और इसकी साजिश खुद उसकी पत्नी सोनम ने रची थी। सोनम फरार हो गई थी, लेकिन उसने रविवार तड़के करीब 3 बजे अपने परिवार को कॉल करके बताया कि वह काशी ढाबे (वाराणसी-गाजीपुर रोड) पर है। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।
ट्रांजिट रिमांड क्या होती है?
जब किसी अपराध का स्थान और गिरफ्तारी का स्थान अलग-अलग राज्य हों, तो आरोपी को अपराध वाली जगह ले जाने के लिए संबंधित राज्य की कोर्ट से एक अस्थायी हिरासत की अनुमति लेनी पड़ती है, जिसे ट्रांजिट रिमांड कहते हैं। इसमें पुलिस आरोपी को गिरफ्तारी वाले राज्य की अदालत में पेश करती है, और अदालत से यह अनुरोध करती है कि उन्हें आरोपी को फलां समय सीमा के भीतर संबंधित राज्य की अदालत में पेश करने की अनुमति दी जाए। ट्रांजिट रिमांड की अवधि आमतौर पर कुछ घंटे से लेकर एक-दो दिन तक हो सकती है, जब तक आरोपी को मुकदमा चलाने वाले राज्य की अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जाता।
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सोनम का अगला कदम क्या होगा?
अब सोनम को ट्रांजिट रिमांड के तहत शिलांग ले जाया जाएगा, जहां स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। वहां की कोर्ट तय करेगी कि सोनम को कस्टडी में लेना है या न्यायिक हिरासत में भेजना है। साथ ही, पुलिस वहां से आगे की पूरी पूछताछ और केस प्रोसीडिंग करेगी।