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बार-बार क्यों उठता है महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद, इसका मकसद मुख्य खबरों से ध्यान भटकना तो नहीं : राज ठाकरे

1960 के दशक में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद से दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद के मुद्दे जारी हैं।

12:02 AM Nov 30, 2022 IST | Desk Team

1960 के दशक में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद से दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद के मुद्दे जारी हैं।

महाराष्ट्र में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद जैसे मुद्दें के बारे में कहा है कि, इसका मकसद ‘‘मुख्य खबरों’’ से ध्यान भटकाना तो नहीं है। बता दें कि, 1960 के दशक में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद से दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद के मुद्दे जारी हैं। 
यह मुद्दा बार-बार और अचानक क्यों उठता है
सीमा विवाद के बारे में पूछे जाने पर राज ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे समझ में नहीं आता कि यह मुद्दा बार-बार और अचानक क्यों उठता है। यह मुद्दा वर्तमान में अदालत के समक्ष विचाराधीन है। मैंने पढ़ा है कि दिल्ली में कुछ बैठकें चल रही हैं। यह जांचने की आवश्यकता है कि, क्या कोई जानबूझकर मुख्य समाचार से ध्यान भटकाने के लिए बार-बार इस प्रकार के मुद्दों को सामने ला रहा है।
आगामी निकाय चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी मनसे 
ठाकरे ने यह भी कहा कि मनसे मुंबई के आगामी निकाय चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी। महाराष्ट्र के राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘‘पुराने समय का प्रतीक’’ कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर, ठाकरे ने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या ‘‘कोई महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए राज्यपाल को एक ‘स्क्रिप्ट’ देता है।’’
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