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शो Haale Dil से पहले Manisha Rani क्यों नहीं मान पाई खुद को एक एक्टर, कहा: "हक नहीं..."

Manisha Rani खुद को क्यों नहीं मानती एक अच्छा एक्टर

12:58 PM Jun 15, 2025 IST | IANS

Manisha Rani खुद को क्यों नहीं मानती एक अच्छा एक्टर

शो haale dil से पहले manisha rani क्यों नहीं मान पाई खुद को एक एक्टर  कहा   हक नहीं

मनीषा रानी ने एक्टिंग करियर की शुरुआत स्ट्रीमिंग टाइटल ‘हाले दिल’ से की है। मनीषा बताती हैं, “लोग अक्सर मुझसे पूछते थे कि मैं खुद को एक्टर क्यों नहीं कहती। और ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगा कि मैंने अभी तक यह हक नहीं कमाया है।

मुंबई, 14 जून (आईएएनएस)। ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ की फाइनलिस्ट मनीषा रानी ने एक्टिंग करियर की शुरुआत स्ट्रीमिंग टाइटल ‘हाले दिल’ से की है। मनीषा ने बताया कि उन्होंने इतने समय बाद एक्टिंग और स्क्रिप्टेड स्टोरीटेलिंग की दुनिया में हाथ आजमाने के बारे में क्यों सोचा।

मनीषा बताती हैं, “लोग अक्सर मुझसे पूछते थे कि मैं खुद को एक्टर क्यों नहीं कहती। और ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगा कि मैंने अभी तक यह हक नहीं कमाया है। अब जब मैंने एक प्रोजेक्ट में अच्छी तरह से मुख्य भूमिका निभाई है, तो मैं आत्मविश्वास से खुद को एक्टर कह सकती हूं और अपना बायो अपडेट कर सकती हूं। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है।”

मनीषा ने ‘हाले दिल’ में इंदु का किरदार निभाया है, जो एक प्यारी, मासूम महिला है, जिसकी कहानी कई भारतीय महिलाओं के अनुभव को दर्शाती है। अपने किरदार के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया, “इंदु मेरी तरह ही प्यारी, मजेदार और जिंदादिल है। उसकी कहानी दिल टूटने और जिंदगी में आगे बढ़ने के बारे में है।”

Manisha Rani

मनीषा का कहना है कि इस कहानी से कई भारतीय महिलाएं खुद को जोड़कर देखेंगी। उन्होंने कहा, “उसकी मासूमियत, उसके बोलने का तरीका, खासकर गोरखपुर शैली की बोली, इंदु की नींव बन गई।”

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अपने चुलबुले व्यक्तित्व के चलते, मनीषा को रोमांटिक सीन शूट करना थोड़ा मुश्किल लगा। उन्होंने कहा, “जब भी हम रोमांटिक सीन शूट करते हैं तो मैं बेकाबू होकर हंसने लगती! अपना चेहरा सीधा रखना मुश्किल था। निर्देशक को मुझे बैठाकर सीन के पीछे की भावनाओं को समझाना पड़ा।”

उन्होंने बताया कि शो का एक मुख्य संदेश यह है कि कैसे महिलाएं शादी के बाद अपनी पहचान खो देती हैं। उन्होंने बताया, “एक महिला न केवल अपना घर और परिवार छोड़ती है, बल्कि अपना नाम भी छोड़ती है। वह मिसेज शर्मा, मिसेज गुप्ता या मेरे मामले में मिसेज विवेक बन जाती है।”

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