Top NewsIndiaWorld
Other States | Uttar PradeshRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

क्यों नहीं मोदी....गुलाम नबी

05:14 AM Mar 10, 2024 IST | Kiran Chopra

‘‘कोई वजह नहीं कि हम मोदी को न चाहें, इतने सालों तक हमने उन्हें देख लिया अब तो हमें फर्क समझ आ रहा है और हम हर हाल में मोदी को चाहते हैं।’’ यह बात कही मेरे पास पिछले लगभग 35 सालों से आने वाले शाॅल बेचने वाले कश्मीरी गुलाम नबी ने। मैंने उसकी तरफ देखते हुए पूछा सच में गुलाम नबी जी मैं तो सोच रही थी जब टीवी में कश्मीर के लोगों को कहते हुए कि सब कुछ अच्छा है और प्रधानमंत्री की सफलतापूर्वक रैली देखी, रोड शो देखा, स्थानीय लोगों की भीड़ और उत्साह देखा तो मन खुश भी हो रहा था क्योंकि मैं स्वयं श्रीनगर जाकर आई, कुछ ऐसा ही माहौल था परन्तु अब जब आप कह रहे हो जो हमेशा आज तक नैगेटिव बोलते थे कि कश्मीर का कुछ नहीं होने वाला, वहां सब लोग राजनीति करते हैं, कोई आम कश्मीरियों के बारे में नहीं सोचता आज आप कह रहे हो तो यकीन नहीं हो रहा।
तब गुलाम नबी ने कहा क्यों न कहूं आज कश्मीरी युवकों, बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं लैपटॉप है, किताबें हैं, आज बच्चे रोज स्कूल जा रहे हैं, आफिस में काम करने वाले रोज आफिस जा रहे हैं। टूरिज्म बढ़ गया है जिससे लोगों को रोजगार मिल रहा है। गोलियों-बंदूकों की आवाज, दहशतगर्दों की धमकियां, खून-खराबे बंद हो गए हैं, नहीं तो रोज दिल रोता था किसी का आदमी मरता था, किसी का बेटा, किसी का भाई... आज अमन-चैन है। कई सालों बाद मोहर्रम का जुलूस निकला। लाल चौक पर सभी दुकानें खुली हैं, घर की औरतें आराम से घूम सकती हैं, पहले दुकानें 3-4 बजे बंद हो जाती थी अब देर रात तक खुलती हैं। पहले कई घरों में फाके होते थे क्योंकि आमदनी नहीं थी। आज जैसा कश्मीर हमने पिछले 70 सालों में न सुना न देखा। सभी स्थानीय सरकारों ने सैंटर से पैसा लिया और अपने स्वयं के विकास पर खर्च किया। अब तो श्रीनगर, कश्मीर, जम्मू के विकास पर खर्च हो रहा है, उन्नति हो रही है और नजर भी आ रही है। फसलें उग रही हैं। ड्राई फ्रूट का व्यापार खुलकर हो रहा है। केसर, शहद, पशमीना, पेपर मशी के व्यापार से जुड़े लोग फलफूल रहे हैं।
बस एक प्रार्थना है मोदी जी को कि बिजली पूरी मिलनी चाहिए, सड़कें ठीक हो जाएं और हमारे पढ़े-लिखे बच्चों को रोजगार मिल जाए। हालांकि अभी लियाकत के हिसाब से नौकरियां मिल रही हैं, सिफारिशें नहीं हैं फिर भी अधिक जरूरत है ताकि अब कोई हमारे नौजवानों को अपने रास्ते से भटका न सके। यह सब हो जाए तो हम तो चाहते हैं मोदी 100 साल जीये और उनके राज में कश्मीर जो भारत का माथा है चमक उठे। जन्नत कहलाये। फिर कहने लगा कि ऐसे ही सबने हिन्दू-मुस्लिम का मुद्दा बनाया हुआ था, मोदी जी तो मुस्लिमों के लिए जो कर रहे हैं शायद आज तक किसी सरकार ने नहीं किया। हमारी मुस्लिम औरतों से पूछो वो भी बहुत खुश हैं, फिर गुलाम नबी जी ने अपनी शाॅलों की गठड़ी बांधते हुए कहा कि बस वही बात कहता हूं बिजली अा जाये और नौकरियां मिल जायें तो क्या बात है। हमारा गवर्नर भी बहुत अच्छा है, अब तो दिल्ली के बाद दूसरा बड़ा एम्स अस्पताल कश्मीर में होगा। सुना है बड़ी-बड़ी कम्पनियां, फैक्ट्रियां खुल रही हैं, आज​ थियेटर में फिल्म शुरू हो गई हैं। मॉल खुल रहे हैं और क्या चाहिए कश्मीरियों को। हमारी आने वाली पीढ़ियां भी मोदी जी के साथ होंगी, याद रखेंगी हर इंसान जिन्दगी में अमन-चैन, शान्ति चाहता है, अपने बच्चों को खुशहाल और आगे बढ़ता देखना चाहता है। गुलाम नबी चला गया परन्तु मेरे अन्दर एक सुखद भविष्य आने वाले सुनहरे पलों को आंखों के सामने जीवित कर गया। वाकय इन सालों में भारत कहां से कहां पहुंच गया है। आज एक रिक्शा वाला, सब्जी वाला पे-टीएम से पेमेंट या ऑन लाइन बिजनैस कर रहा है। आज सबकी पहचान आधार कार्ड से है, विदेशों में भारतीयों की इज्जत है।
यही नहीं जब से अयोध्या गई तो वहां एक युवक से बात हुई जो राम मंदिर से बहुत खुश था। उसने मुझ से कहा कि हम बहुत खुश हैं कि सदियों पुराना सपना पूरा हुआ, हमारी भक्ति भी पूरी हो रही है। शक्ति भी बन रही है तो मैंने उससे पूछा कैसे भाई तो उसने कहा कि 2014 से 2024 तक 315 मैडिकल कालेज बने एक एम्स था, अब 25 हो गए हैं। आईआईटी तीन गुना हो गए, मैडिकल सीट डबल हो गई, 70,000 किलोमीटर हाइवे का निर्माण हुआ। 10,000 पंचायत भवन बने, 50 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं। 10 करोड़ लोगों को एलपीजी, 4 करोड़ लोगों को पक्के घर मिले हैं। देश के आखिरी गांव को देश का पहला गांव बना दिया। देश का प्रधानमंत्री साहसी है, संस्कारी है, देशभ​क्त है, धर्म के प्रति आस्था रखता है, वे आज के युवकों के लिए प्ररेणा बने हुए हैं। आज देश में बेटियां अपने को सुरक्षित महसूस करती हैं। मैं उस युवा को देख रही थी और पूछा कि क्या तुमने यह सब चीजें रट रखी हैं तो उसने कहा, मैं क्यों रटूंगा। यह आज सब कुछ पारदर्शी है। गुगल, नेट पर आप सर्च करके देख सकती हैं। अगर आप गलत हो तो अखबार, सोशल मीडिया आपकी पोल खोल देगा। यह सब उतना ही सच है जितना मैं और आप खड़े होकर एक लोकतंत्र देश में बात कर रहे हैं। आज देश में भक्ति भी है, शक्ति भी है, विकास भी है। मैं राजनीतिक विज्ञान का छात्र हूं, इसलिए मैं यह भी चाहता हूं कि देश में मजबूत विपक्ष भी होना चाहिए। इसलिए विपक्षी पार्टियों को मेहनत कर आगे आना चाहिए जिससे हमारा लोकतंत्र मजबूत रहेगा परन्तु यह कैसे होगा इनका तो गठबंधन ही टूटता जा रहा है। बड़े अफसोस की बात है यह तो खुद ही देश के लोगों को कहने को मजबूर कर रहे हैं ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी परन्तु यह भी ठीक नहीं कुछ तो आगे बढ़ें विपक्ष कायम रहे मजबूत बने। मैं 2024 में पहली बार मतदान करूंगा और आप सोच सकती हो किसको वोट डालूंगा, मैंने उसको पूछा मैं तुम्हारी फोटो खींच सकती हूं, पहचान बता सकती हूं, उसने कहा नहीं मेरे पिता जी जिस पार्टी से हैं वो पसन्द नहीं करेंगे। मैं उस युवा और गुलाम नबी की आवाज को सुन लोगों तक पाठकों तक, पहुंचा रही हूं अब पाठकों के हाथों फैसला है कि यह दोनों आप सबकी आवाज हैं या यह उनकी व्यक्तिगत राय है।

Advertisement
Advertisement
Next Article