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देश की पसंद PARLE-G बिस्किट के क्यों नहीं बढ़ते हैं दाम, आखिर कंपनी को कैसे होता है फायदा? जानें दिलचस्प फैक्ट्स

लगभग कोई ही घर ऐसा हो जहां चाय के साथ पारले-जी का सेवन न होता हो। ये बिस्कुट स्वादिष्ट हैं और साथ ही किफायती दामों में आसानी से मिल भी जाते हैं। समय के साथ इसके आकार और बनावट में काफी बदलाव भी नज़र आए है। हालाँकि, स्वाद बिल्कुल पहले जैसा ही है।

02:59 PM Sep 13, 2023 IST | Nikita MIshra

लगभग कोई ही घर ऐसा हो जहां चाय के साथ पारले-जी का सेवन न होता हो। ये बिस्कुट स्वादिष्ट हैं और साथ ही किफायती दामों में आसानी से मिल भी जाते हैं। समय के साथ इसके आकार और बनावट में काफी बदलाव भी नज़र आए है। हालाँकि, स्वाद बिल्कुल पहले जैसा ही है।

देश की पसंद parle g बिस्किट के क्यों नहीं बढ़ते हैं दाम  आखिर कंपनी को कैसे होता है फायदा  जानें दिलचस्प फैक्ट्स
जब भी हम अलग-अलग बिस्कुट के बारें में बातें करते हैं तो PARLE-G हमेशा इस लिस्ट में आपको टॉप पर नज़र आता हैं। भारत ही नहीं बल्कि बाहर भी PARLE-G की बहुत तारीफ हो रही है। कई परिवार आज भी अपने दिन की शुरुआत पारले-जी नाश्ते से करते हैं। यहां तक ​​कि नवजात शिशुओं को भी दूध पीने के साथ इसे दिया जाता है।
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लगभग कोई ही घर ऐसा हो जहां चाय के साथ पारले-जी का सेवन न होता हो। ये बिस्कुट स्वादिष्ट हैं और साथ ही किफायती दामों में आसानी से मिल भी जाते हैं। समय के साथ इसके आकार और बनावट में काफी बदलाव भी नज़र आए है। हालाँकि, स्वाद बिल्कुल पहले जैसा ही है।
महंगाई में भी PARLE-G रहा दमदार 
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महंगाई के इस दौर में जब सामान की कीमत आसमान को छू रही हो ऐसे में पारले-जी बिस्कुट वर्षों से लगातार एक ही कीमत पर बिक्री के लिए पेश किया जाता रहा है। यह कैसे हो सकता है कि किसी उत्पाद की कीमत 25 वर्षों में एक बार भी न बदली हो? ये एक दम लाज़मी सवाल हैं और शायद आपके मन में भी ये सवाल आया हो। आजकल लोग पैसा कमाने के लिए दूध से लेकर चीनी तक के दामों को ऊपर नीचे करते रहते हैं। लेकिन PARLE-G बिस्कुट उसी कीमत पर क्यों बाज़ार में पेश किए जा रहे हैं? ऐसे में यह सवाल उठता है कि यह कंपनी समान कीमत बनाए रखते हुए पैसा कैसे कमाती है।
पिछले 25 सालों में नहीं बढ़े PARLE-G के दाम 

PARLE-G कंपनी करीब 82 साल से अस्तित्व में है। पार्ले एक ऐसा शब्द है जो गुणवत्ता, स्वाद और पोषण बताता है। 1994 में आखिरी बार पैकेट की कीमत बढ़ाई गई थी। उस समय से, कीमत वही बनी हुई है, इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं आया हैं। कोरोना महामारी के दौरान इस बिस्किट की बिक्री चरम पर थी। यह सिर्फ एक बिस्किट से कहीं अधिक है; इसमें दूध और ग्लूकोज भी शामिल है। वर्ष 2021 में, COVID-19 के बाद, कीमत में 1 रुपये की बढ़ोतरी की गई। बाद में, यह बढ़कर 5 रुपये हो गई।
कैसे कंपनी कमाती हैं फायदा?
PARLE-G कंपनी ने पैसे कमाने का एक अलग तरीका खोजा है। इसकी कीमत को बरकरार रखने के लिए कंपनी ने इसकी कीमत बढ़ाने की बजाय इसका आकार छोटा कर दिया। इससे पता चलता है कि कंपनी ने रेट बढ़ाने के बजाय बिस्किट का वजन कम कर दिया है। पहले एक पैकेट में सौ ग्राम कुकीज़ होती थीं। कुछ वर्षों के बाद उत्पाद का वजन बढ़कर 92.5 ग्राम हो गया। पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती महंगाई के जवाब में कंपनी ने बिस्कुट का वजन सीधे तौर पर आधा कर दिया। इस प्रकार, उपभोक्ता 55 ग्राम बिस्कुट के लिए 5 रुपये का भुगतान करते हैं।
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Nikita MIshra

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