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पत्नी ने एलिमनी में मांगी BMW तो भड़का Supreme Court, कहा- आप पढ़ी लिखी होकर...

02:07 PM Jul 23, 2025 IST | Neha Singh
Supreme Court

Supreme Court on Alimony: भारत में तलाक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं महिलाओं द्वारा एलिमनी की मांग भी बढ़ती जा रही है। ऐसे ही एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट भड़क गया और महिलाओं को नसीहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पति से गुजारा भत्ता के तौर पर 12 करोड़ रुपये और एक बीएमडब्ल्यू कार मांगने वाली महिला को नसीहत दी है कि आप पढ़ी-लिखी हैं और आपको खुद पैसे कमाने चाहिए। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अच्छी शिक्षा प्राप्त महिला को अपने भरण-पोषण के लिए काम करना चाहिए।

Supreme Court on Alimony: आप पढ़ी लिखी हैं- कोर्ट

दरअसल, एक महिला ने शादी के 18 महीने बाद अपने पति को तलाक दे दिया। इसके बाद महिला ने गुजारा भत्ता के तौर पर मुंबई के कल्पतरु कॉम्प्लेक्स में एक फ्लैट और 12 करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि और एक बीएमडब्ल्यू की मांग की। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आप आईटी क्षेत्र से एमबीए डिग्री धारक हैं। फिर आप काम क्यों नहीं करतीं? इसके साथ ही, अदालत ने शादी की अवधि को देखते हुए महिला की वित्तीय मांगों को बहुत ज़्यादा बताया है।

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Supreme Court on Alimony: महिला का दावा है कि पति बहुत अमीर है

महिला ने दावा किया कि उसका पति बहुत अमीर है। अदालत में महिला ने अपने पति द्वारा लगाए गए मानसिक बीमारी (सिज़ोफ्रेनिया) के आरोपों का खंडन किया और कहा कि वह पूरी तरह स्वस्थ है। वहीं, पति की ओर से वरिष्ठ वकील माधवी दीवान ने कहा कि महिला की मांगें बहुत ज़्यादा हैं। उन्होंने बताया कि 2015-16 में पति की आय ₹2.5 करोड़ थी, लेकिन पत्नी के पास अपना फ्लैट और दो कार पार्किंग की जगह भी है। साथ ही, जिस बीएमडब्ल्यू कार की माँग की गई थी, वह 10 साल पुरानी है और बहुत पहले ही कबाड़ हो चुकी है।

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Supreme Court ने रखा ये प्रस्ताव 

महिला ने यह भी दलील दी कि पति द्वारा दर्ज कराई गई एफ़आईआर के कारण उसे नौकरी मिलने में भी दिक्कत हो रही है। इस पर अदालत ने कहा कि एफ़आईआर रद्द करने पर भी विचार किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम उसे भी रद्द कर देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखते हुए महिला को दो विकल्प दिए हैं। अदालत ने कहा कि वह या तो फ्लैट ले ले या फिर 4 करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि जिससे वह जीवन में आगे बढ़ सके।

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