क्या पाकिस्तान के जरिए ईरान पर हमला करेगा अमेरिका? ईरानी राजनयिक की चिंता से बढ़ी अटकलें
क्या पाकिस्तान के जरिए ईरान पर हमला करेगा अमेरिका?
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संभावित मुलाकात की अटकलों पर जब हुसैनी से सवाल किया गया तो, उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान का भू-क्षेत्र ईरान के खिलाफ किसी सैन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं होगा. उन्होंने कहा, “हमें आशा है कि पाकिस्तान ऐसा नहीं करेगा.’
Iran-Israel War: ईरान और इजरायल के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है. इस बीच के भारत में ईरानी दूतावास के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने पाकिस्तान की भूमिका को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान अपने हवाई क्षेत्र और सैन्य अड्डों को ईरान के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए उपलब्ध नहीं कराएगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संभावित मुलाकात की अटकलों पर जब हुसैनी से सवाल किया गया तो, उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान का भू-क्षेत्र ईरान के खिलाफ किसी सैन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं होगा. उन्होंने कहा, “हमें आशा है कि पाकिस्तान ऐसा नहीं करेगा.’
‘अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन ये हमला’
हुसैनी ने 13 जून से शुरू हुए इजरायली हमलों को “अंतरराष्ट्रीय कानून और एक संप्रभु राष्ट्र की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन” बताया. उन्होंने कहा कि यह अपेक्षा थी कि विश्व समुदाय ऐसे हमलों की खुलकर निंदा करेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान आत्मरक्षा के अधिकार के तहत जवाबी कार्रवाई कर रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है.
अमेरिका की भूमिका और वार्ता का ठहराव
ईरानी राजनयिक ने बताया कि अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दों पर बातचीत चल रही थी, लेकिन इजरायल को दी गई अमेरिकी “मौन स्वीकृति” ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका ने इजरायल को सैन्य कार्रवाई के लिए प्रेरित किया, जबकि इस संबंध में कोई स्पष्ट सबूत नहीं प्रस्तुत किया गया.
ट्रंप की चेतावनी और बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर ईरान को लेकर तीखी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अमेरिका को ईरान के आसमान पर पूरी निगरानी हासिल है और वे जानते हैं कि ईरान के सर्वोच्च नेता कहां छिपे हैं. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे उन पर हमला नहीं करेंगे, “कम से कम अभी नहीं”. ट्रंप ने ईरानी सैन्य क्षमताओं को कमतर बताते हुए अमेरिका की तकनीक को श्रेष्ठ बताया और चेतावनी दी कि अमेरिका का धैर्य जवाब दे रहा है.
तनाव में इजाफा, जवाबी कार्रवाई जारी
इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए गए, जिनका ईरान ने भी जोरदार जवाब दिया. ट्रंप पहले भी बार-बार कह चुके हैं कि ईरान को किसी भी स्थिति में परमाणु हथियार विकसित नहीं करने दिए जाएंगे. उन्होंने इस संघर्ष के समाधान के लिए ‘वास्तविक अंत’ की वकालत की थी और संकेत दिया था कि बातचीत को बंद करना भी एक विकल्प हो सकता है.
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