जम्मू कश्मीर के लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करता रहूगा - गुलाम नबी आजाद
समृद्धि एवं विकास की खातिर ‘नफरत की दीवार’ को गिराने के लिए एकजुट प्रयास का आह्वान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के वास्ते उनका संघर्ष उनकी आखिरी सांस तक जारी रहेगा।
10:33 PM Sep 04, 2022 IST | Shera Rajput
Advertisement
समृद्धि एवं विकास की खातिर ‘नफरत की दीवार’ को गिराने के लिए एकजुट प्रयास का आह्वान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के वास्ते उनका संघर्ष उनकी आखिरी सांस तक जारी रहेगा।
Advertisement
आजाद ने ‘अपनी पार्टी’ के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी का यह बयान खारिज कर दिया कि उन्होंने पांच अगस्त, 2019 को संसद में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के पक्ष में वोट डाला था। उन्होंने बुखारी के बयान को उनके प्रति लोगों एंव नेताओं के बढ़ते समर्थन के कारण ‘लोगो को गुमराह करने के लिए’’ जानबूझकर किया जा रहा प्रयास बताया।
पूर्व कांग्रेस नेता ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘‘ लोगों की खातिर इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए मेरा संघर्ष मेरी आखिरी सांस तक जारी रहेगा।’’
कांग्रेस से पांच दशक का नाता समाप्त करने के बाद जम्मू में आजाद की यह पहली जनसभा थी।
Advertisement
जम्मू हवाई अड्डे और जनसभा स्थल पर पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों समेत आजाद के हजारों समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने उनके पक्ष में जोरदार नारे लगाए।
आजाद ने घंटे भर से अधिक के अपने भाषण में कहा, ‘‘ हमें एक-दूसरे से सहयोग की जरूरत है। हमें एकजुट होकर नफरत की दीवार गिरानी है तथा साथ मिलकर विकास एवं समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ना है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं में से ज्यादातर ने उनके समर्थन में स्वेच्छा से पार्टी छोड़ी है । उन्होंने कहा, ‘‘ यहां मंच पर जो भी नेता मौजूद हैं, उन्होंने (पार्टी नेतृत्व को) इस्तीफा भेजने से पहले मुझसे नहीं पूछा है। उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा और फिर उसके बारे में मुझे सूचित किया।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘95 प्रतिशत पूर्व कांग्रेस मंत्री, 95 प्रतिशत विधायक,जगह-जगह से जिला एवं प्रखंड विकास परिषद के 99 प्रतिशत सदस्य’’ यहां उपस्थित हैं।
उनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद , पूर्व मंत्री जी एम सरूरी, पीरजादा मोहम्मद सैयद, ताज मोहिउद्दीन, आर एस छिब, अब्दुल माजिद वानी, मनोहर लाल शर्मा और घारू राम प्रमुख थे।
पूर्व विधायकों बलवान सिंह, मोहम्मद अमीन भट, जुगल किशोर, हाजी अब्दुल राशिद, चौधरी मोहम्मद अकरम और गुलजार अहमद वानी ने भी रैली में हिस्सा लिया। इसके अलावा पीडीपी के सैयद बशीर एवं अपनी पार्टी के शोएब लोन भी पहुंचे थे।
आजाद ने कहा, ‘‘ यह तो बस शुरुआत है, देखते हैं आगे क्या होता है।’’
बुखारी का नाम लिये बगैर आजाद ने कहा कि दो साल पहले दो पूर्व मंत्री एवं तीन विधायक ‘अपनी पार्टी’ के गठन के लिए उनसे हाथ मिलाने आए थे। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने न तो उनके बारे में और न ही पार्टी का जिक्र किया लेकिन उन्होंने (बुखारी ने) टिप्पणी की , जो उनकी बदहवासी को दर्शाता है।’’
बुखारी ने शुक्रवार को कहा था कि हो सकता है कि पूर्व राज्यसभा सदस्य आजाद ने संसद में अनुच्छेद 370 का बचाव किया हो, ‘‘लेकिन मैं सच्चाई बता दूं कि आजाद साहब ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने के पक्ष में वोट डाला था।’’
आजाद ने रैली में कहा, ‘‘ (अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने के विषय पर) संसद में मेरा भाषण ऑन रिकार्ड है। मैं संसद में था, अन्यथा मैं भी अन्य मुख्यमंत्रियों की तरह जेल में होता, लेकिन उसके बाद भी मैंने श्रीनगर और जम्मू आने की दो बार कोशिश की। ’’
उन्होंने कहा , ‘‘ मैंने राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं को एकजुट किया जिन्होंने मेरा अनुरोध मान लिया लेकिन फिर हमें इजाजत नहीं दी गयी। मैंने चुप्पी नहीं साधी, मैंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने मुझे जम्मू, अनंतनाग, श्रीनगर और बारामूला जाने की अनुमति दी.. मैंने शीर्ष अदालत को हर बात बतायी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि कोई कहता है कि मैंने कुछ नहीं किया तो उसे लोगों को बताना चाहिए कि जनता को गुमराह करने की कोशिश के सिवा उसने किया ही क्या था। ’’
उन्होंने कहा कि अगले 15 दिन वह जम्मू कश्मीर में हैं तथा जम्मू में सोमवार से अगले चार दिनों तक विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मिलेंगे, फिर चिनाब घाटी में डोडा, इंदरवाल एवं किश्तवाड़ जायेंगे एवं आखिर में कश्मीर पहुंचेंगे।
Advertisement