क्या शुभमन गिल बना पाएंगे इतिहास? इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतने की चुनौती
इतिहास रचने के लिए इंग्लैंड में शुभमन गिल की परीक्षा
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे दिग्गज कप्तानों की मौजूदगी में भी टीम इंडिया इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी। अब जबकि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, शुभमन गिल की अगुवाई में एक नई पीढ़ी इस चुनौती से जूझने को तैयार है।
1971 से अब तक केवल तीन जीत
भारत ने इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट सीरीज 1971 में अजित वाडेकर की कप्तानी में जीती थी। तब तीन मैचों की सीरीज भारत ने 1-0 से अपने नाम की थी। इसके बाद कुल 19 बार भारतीय टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया, लेकिन उनमें से केवल तीन बार ही वह टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब रही। इस लंबे इतिहास में हार और संघर्ष की कहानियां ज्यादा हैं।
पटौदी ट्रॉफी: भारत का संघर्ष
2007 से भारत-इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाली टेस्ट सीरीज को ‘पटौदी ट्रॉफी’ का नाम दिया गया। यह नाम भारत के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान में रखा गया। पहली पटौदी ट्रॉफी भारत ने राहुल द्रविड़ की कप्तानी में 1-0 से जीती थी, लेकिन इसके बाद भारत चार बार इंग्लैंड गया और तीन बार सीरीज हारी, जबकि 2022 की सीरीज 2-2 से ड्रा रही।
एमएस धोनी की कप्तानी में 2011 और 2014 में इंग्लैंड दौरे पर भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा। 2011 में भारत को 4-0 से हार मिली थी, जबकि 2014 में 3-1 से पराजय झेलनी पड़ी। विराट कोहली की कप्तानी में भी 2018 में टीम को 4-1 से हार मिली थी, जबकि 2022 में भारत ने 2-1 की बढ़त बनाई थी, लेकिन अंतिम टेस्ट में हारकर सीरीज 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई।