क्या मुसलमानों के लिए नफरत पैदा करेगी 'The Bengal Files'? Vivek Agnihotri ने साधा निशाना
क्या ‘द बंगाल फाइल्स’ सांप्रदायिकता को बढ़ावा देगी?
हम बात करेंगे चार्चित फिल्म “द बंगाल फाइल्स” की — वो फिल्म जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा रखा है, और जिसकी कंटेंट को लेकर विवाद भी खूब है।”
“विवेक अग्निहोत्री, जिन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स ’ जैसी फिल्मों के जरिए सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को पर्दे पर लाया, इस बार किन संदेशों के साथ लौटे हैं? चलिए, गहराई से समझते हैं।”
“हाल ही में एक पॉडकास्ट में पूछे गए सवाल — क्या ‘द बंगाल फाइल्स’ मुसलमानों के खिलाफ एकजुट नफरत पैदा करेगी? — पर उन्होंने साफ-साफ कहा: ‘बिल्कुल नहीं।’
उनका कहना है कि फिल्म का उद्देश्य नफरत फैलाना नहीं, बल्कि सांप्रदायिक हिंसा के खतरों को समझना एवं आगाह करना है। इसे कहते हैं, ‘सेंसिबिलाइजेशन थ्रू फिल्ममेकिंग’।”
यह लाइन बताती है कि निर्देशक सिर्फ सनसनी नहीं, बल्कि सोच पैदा करना चाहते हैं।
“कम्युनल वॉयलेंस भारत की सबसे बड़ी धरोहर को कैसे चोट पहुंचा रहा है”……….अग्निहोत्री ने आगे कहा कि सांप्रदायिक हिंसा ने भारत के गौरव को झकझोड़ा है।
‘भारत की सबसे बड़ी प्राइड, हमारी सांस्कृतिक धरोहर, जिस पर हम स्वाभिमान करते थे — उस पर चोट पहुंची है,’ — ये बोल उन्होंने कड़े शब्दों में कहे हैं। उनका संकेत था कि सिर्फ पुरानी घटनाओं को स्क्रीन पर लाने की बजाय, वह एक चेतावनी देना चाहते हैं।
“विवेक ने फिल्म के ज़रिए एक सवाल सोचा है: ‘क्या हम फिर से डायरेक्ट एक्शन डे जैसी राजनीति को बढ़ावा दे रहें हैं?’ क्या पढ़े-लिखे युवा उसे रिपीट करने लगेंगे? उनकी चिंता जायज़ है — हम एक इंच-बाय-इंच ज़हर से क्या डर रहे हैं?इस पूरे डायलॉग के पीछे एक संदेश साफ है — हमें अपने पास्ट से सीखना है, उसे भूलकर नहीं आगे जाना।” “बंगाल और कश्मीर में युवा आगे क्या सोचेंगे?” अग्निहोत्री ने 20 से 60 साल की एक पीढ़ी का उल्टा रोडमैप तैयार किया ‘आज का युवा जब बुज़ुर्ग होगा, वह बंगाल और कश्मीर को किस नजर से देखेगा?’ क्या वह समानता की मांग करेगा, या पुरानी दीवारों को सींचेगा?”
द बंगाल फाइल्स 5 सितंबर 2025 को प्रदर्शित होगी। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती लीड रोल में हैं, जबकि पल्लवी जोशी, अनुपम खेर, दर्शन कुमार भी अहम भूमिकाओं में होंगे।
फिल्म के प्रोड्यूसर हैं पल्लवी जोशी और अभिषेक अग्रवाल, और टीज़र को यूट्यूब पर 10 मिलियन से ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं।
संवाद के अनुरूप यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि जागरूकता का माध्यम है। अगर दर्शक खुली सोच से देखेंगे तो यह उन्हें इतिहास के दर्द को समझने में मदद कर सकती है।
• क्या यह फिल्म समाज में सचमुच संवेदनशीलता लाएगी?
• या यह पुरानी लड़ाई को फिर हवा देगी?
“तो सवाल यह है — क्या ‘द बंगाल फाइल्स’ सिर्फ एक फिल्म है या एक चेतावनी
क्या यह हमारे क्लेशित इतिहास को समझने में मदद करेगी, या खाई और गहरी करेगी?