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केंद्र सरकार ने घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) घटाकर शनिवार से 5,200 रुपये प्रति टन कर दिया। यह पहले 5,700 रुपये प्रति टन था। सरकार ने इस संबंध में शुक्रवार देर रात एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें कहा गया है कि नई दर 1 जून से लागू होगी। नोटिफिकेशन में कहा गया कि कच्चे तेल के उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स 5,700 रुपये प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 5,200 रुपये प्रति टन करने का फैसला लिया गया है।

पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन पर विंडफॉल टैक्स शून्य बना हुआ है। सरकार द्वारा हर 15 दिन में कच्चे तेल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स की समीक्षा की जाती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर ही विंडफॉल टैक्स को घटाया या बढ़ाया जाता है। पिछले कुछ महीनों में सरकार की ओर से कई बार विंडफॉल टैक्स में कटौती की गई है। इससे पहले 16 मई को सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 8,400 रुपये से घटाकर 5,700 रुपये प्रति टन कर दिया था। वहीं, 1 मई को इसे 9,600 रुपये से घटाकर 8,400 रुपये प्रति टन कर किया गया था।

विंडफॉल टैक्स कम होने का सीधा फायदा घरेलू स्तर पर कच्चा तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों जैसे ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को मिलता है। कच्चे तेल की कीमत अचानक बढ़ने के कारण तेल कंपनियों को हो रहे अप्रत्याशित मुनाफे पर सरकार ने 1 जुलाई 2023 से विंडफॉल टैक्स लगाना शुरू किया था। कच्चे तेल के साथ, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन के निर्यात पर भी विंडफॉल टैक्स लगाया गया है। विंडफॉल टैक्स लाने की एक वजह निजी तेल रिफाइनरियों को नियंत्रित करना था, जो अच्छे मार्जिन के कारण घरेलू बाजार में आपूर्ति को दरकिनार कर विदेशों में तेल निर्यात कर रही थीं।
नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है।