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विंग कमांडर अभिनंदन और वायुसेना प्रमुख धनोआ ने पठानकोट एयरबेस से भरी उड़ान

दुनिया भर में एक बहु-भूमिका निभाने वाले लड़ाकू हेलीकेप्टर के तौर पर पहचाने जाने वाले आपचे हेलीकेप्टर पठानकोट एयरबेस में भारतीय हवाई सेना द्वारा तैनात करने के लिए विशेष कार्यक्रम 3 सितंबर को करवाया जा रहा है।

01:28 PM Sep 03, 2019 IST | Shera Rajput

दुनिया भर में एक बहु-भूमिका निभाने वाले लड़ाकू हेलीकेप्टर के तौर पर पहचाने जाने वाले आपचे हेलीकेप्टर पठानकोट एयरबेस में भारतीय हवाई सेना द्वारा तैनात करने के लिए विशेष कार्यक्रम 3 सितंबर को करवाया जा रहा है।

लुधियाना-पठानकोट : दुनिया भर में एक बहु-भूमिका निभाने वाले लड़ाकू हेलीकेप्टर के तौर पर पहचाने जाने वाले आपचे हेलीकेप्टर पठानकोट एयरबेस में भारतीय हवाई सेना द्वारा तैनात करने के लिए विशेष कार्यक्रम 3 सितंबर को करवाया जा रहा है। 
इस लड़ाकू हेलीकेप्टर की आज एयरबेस पठानकोट पर विंग कमांडर अभिनंदन ने हवाई सेना प्रमुख बी.एस. धनोआ के साथ उड़ान भरी। इसी उड़ान से पहले पूरी तरह तैयार बर तैयार विंग कमांडर अभिनंदन और सेना प्रमुख बी एस धनौआ हवाई सेना के सैनिकों को मिले। सैनिकों ने उनका पूरा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। 
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ भी मिग-21 के पायलट रहे हैं। उन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध के वक्त वायुसेना की 17वीं स्क्वाड्रन की कमान संभालने के दौरान मिग-21 विमान को उड़ाया था। उन्होंने मिग-21 में 30 मिनट की सवारी दिन में लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर की।
मिग-21 की सवारी करने के बाद एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि मेरे लिए अभिनंदन के साथ उड़ान भरना खुशी की बात थी, क्योंकि उन्हें अपनी फ्लाइंग श्रेणी वापस मिल गई है। उन्होंने कहा कि मुझे भी 1988 में बेदखल कर दिया गया था, मुझे अपनी श्रेणी वापस लेने में 9 महीने लग गए। वह 6 महीने से भी कम समय में वापस आ गए हैं।
वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने कहा कि हम दोनों में कई चीजें एक समान हैं- एक की हम दोनों को बाहर कर दिया और दूसरा की हम दोनों ने पाकिस्तानियों का मुकाबला किया। मैं कारगिल में लड़ा, अभिनंदन बालाकोट के बाद लड़े। तीसरी बात ये कि मैंने उसके पिता के साथ भी उड़ान भरी है। ये मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैंने मिग-21 की आखिरी सवारी उनके बेटे के साथ की है।
– सुनीलराय कामरेड
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