1 दिसंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, वंदे मातरम और SIR मुद्दे पर टकराव के संकेत!
Winter Parliament Session: 1 दिसंबर 2025 से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। सत्र की शुरुआत से पहले ही सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर टकराव की संभावना बन रही है। एक ओर विपक्ष स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है, वहीं सरकार वंदे मातरम पर एक दिन का विशेष चर्चा सत्र चाहती है।
Winter Parliament Session:वंदे मातरम पर सरकार की योजना
सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार सत्र की शुरुआत में ही वंदे मातरम पर बहस कराना चाहती है। इसके लिए रविवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक में विपक्ष से बातचीत की जाएगी। यह चर्चा वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर होने वाले सालभर के उत्सव का हिस्सा बताई जा रही है।
7 नवंबर को राजधानी में हुए उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 1937 में वंदे मातरम के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों को हटाया गया था, जिसने आगे चलकर देश में फूट डालने की स्थिति पैदा की। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जवाब दिया कि कांग्रेस हमेशा वंदे मातरम का सम्मान करती रही है और आजादी की लड़ाई में इसी गीत ने लोगों को एकजुट किया था।
Winter Session of Parliament from Monday: SIR पर विपक्ष आक्रामक
शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और इससे पहले विपक्ष का INDIA गठबंधन अपनी रणनीति पर चर्चा करेगा। विपक्ष की मांग है कि बिहार में हुए SIR अभ्यास पर सदन में चर्चा हो। मानसून सत्र में भी इसी मुद्दे को लेकर कई बार सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी। सरकार का तर्क है कि SIR से जुड़े मामले अदालत में लंबित हैं और चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, इसलिए इस पर सदन में चर्चा ठीक नहीं है।
Parliament Session News: किरेन रिजिजू का बयान
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चुनाव आयोग या सुप्रीम कोर्ट जैसी स्वायत्त संस्थाओं के कामकाज पर चर्चा करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक विषय किसी व्यापक सुधार से जुड़ा न हो, तब तक इस पर बहस नहीं हो सकती। हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि अगर SIR पर किसी प्रकार के सुधार का प्रस्ताव हो, तो उस पर बात की जा सकती है।
विपक्ष की अन्य मांगें
कांग्रेस के मुख्य व्हिप मणिक्कम टैगोर ने कहा कि विपक्ष उम्मीद करता है कि सरकार उन मुद्दों पर चर्चा की अनुमति देगी जिन्हें विपक्ष उठाना चाहता है। विपक्ष जिन मुद्दों पर चर्चा चाहता है, उनमें शामिल हैं:
- SIR की प्रक्रिया
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता
- दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण
- बाढ़ से प्रभावित राज्यों की राहत
- बढ़ती बेरोजगारी
सुधारों से भरा होगा सत्र
एक कार्यक्रम में रिजिजू ने कहा कि सरकार के पास इस सत्र में कई बड़े सुधार लाने की योजना है। बिहार में NDA की जीत के बाद सरकार ऊर्जा, शिक्षा, बीमा और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े सुधारों को आगे बढ़ाना चाहती है।
मुख्य विधेयक होंगे पेश:
- हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 2025 — उच्च शिक्षा संस्थानों के मानकों को एक छतरी के तहत लाने का प्रस्ताव।
- इंश्योरेंस लॉज़ (अमेंडमेंट) बिल — बीमा क्षेत्र को और मजबूती।
- नेशनल हाईवे बिल संशोधन — भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सरल बनाना।
- एटॉमिक एनर्जी बिल — निजी खिलाड़ियों को परमाणु ऊर्जा संयंत्र चलाने की अनुमति।
131वां संविधान संशोधन विधेयक वापस
पंजाब BJP की चिंताओं और विपक्ष के विरोध के चलते सरकार ने फिलहाल संविधान (131वां संशोधन) विधेयक 2025 पेश न करने का निर्णय लिया है। यह बिल चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 के तहत लाने का प्रस्ताव करता था, जिससे उसे एक अलग प्रशासक मिलता और वह सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में चला जाता।
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