इस छोटे से हथियार से तालिबान ने मुनीर को पिलाया पानी! तबाही देख दंग रह गया Pakistan
Pakistan: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं. अब ये आतंकी चाकू या बंदूक नहीं, बल्कि एक नया और छोटा हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं. इस हथियार का नाम क्वाडकॉप्टर है. यह एक तरह का छोटा ड्रोन होता है, जिसे उड़ाकर विस्फोटक गिराए जाते हैं. आतंकी इसे बड़े हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा के दक्षिणी जिलों जैसे लक्की मरवात, कलाची और वजीरिस्तान में हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 28 जून को उत्तरी वजीरिस्तान के गुलाम खान इलाके में एक आतंकी हमले में छह सैनिक घायल हो गए. इसके अगले ही दिन आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें एक विस्फोटकों से भरी गाड़ी सेना के काफिले से टकरा गई. यह हमला बिल्कुल भारत के पुलवामा में 2020 में हुए आतंकी हमले की तरह अंजाम दिया गया था.
क्वाडकॉप्टर से नागरिकों को भी नुकसान
स्थानीय लोगों का कहना है कि सेना और आतंकियों के बीच छिपकर लड़ाई (गुरिल्ला वॉरफेयर) चल रही है, जिससे आम लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. 19 मई को एक क्वाडकॉप्टर ने एक घर पर विस्फोटक गिराया, जिसमें चार बच्चों की जान चली गई. कुछ ही दिन बाद उसी इलाके में एक और ऐसा हमला हुआ. मैरी अली के होर्मुज क्षेत्र में भी ऐसे हमले दर्ज किए गए हैं.
अफगान सीमा बंद, कर्फ्यू लागू
लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से सटी गुलाम खान सीमा को बंद कर दिया है. साथ ही उत्तरी वजीरिस्तान में कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया है. पूरे दक्षिण पख्तूनख्वा में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी वक्त बड़ी सैन्य कार्रवाई की जा सकती है.
TTP ने ली आतंकी हमलों की जिम्मेदारी
इन हमलों के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ माना जा रहा है. कई हमलों की जिम्मेदारी यह संगठन खुद ले चुका है. वरिष्ठ पत्रकार फरजाना अली का कहना है कि जिस तरह से क्वाडकॉप्टर और आत्मघाती हमलों का प्रयोग हो रहा है, वह बेहद खतरनाक संकेत है. आतंकियों की रणनीति सफल होती दिख रही है.
अन्य उग्रवादी समूह भी एक्टिव
टीटीपी के अलावा कई अन्य आतंकी संगठन भी खैबर पख्तूनख्वा में सक्रिय हैं. इनमें हाफ़िज़ गुल बहादुर गुट सबसे ज्यादा सक्रिय माना जा रहा है. इसके अलावा असवद अल-हरब नाम का गुट भी हाल के हमलों में शामिल रहा है, जो गुल बहादुर गुट की ही शाखा है. लश्कर-ए-इस्लाम, तहरीक-ए-इंकलाब-ए-इस्लामी और इत्तेहाद-ए-मुजाहिदीन पाकिस्तान जैसे अन्य समूह भी इलाके में सक्रिय हैं.