''कश्मीर मुक्ति, दलित मुक्ति'' के पोस्टर पकड़ने वाली महिला को किया गया गिरफ्तार
बेंगलुरू में सीएए विरोधी एक कार्यक्रम में एक प्रदर्शनकारी द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाने के एक दिन बाद शहर में एक अन्य कार्यक्रम के दौरान ”कश्मीर मुक्ति, दलित मुक्ति, मुस्लिम मुक्ति” के पोस्टर पकड़ने वाली महिला को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
06:43 PM Feb 21, 2020 IST | Shera Rajput
बेंगलुरू में सीएए विरोधी एक कार्यक्रम में एक प्रदर्शनकारी द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाने के एक दिन बाद शहर में एक अन्य कार्यक्रम के दौरान ”कश्मीर मुक्ति, दलित मुक्ति, मुस्लिम मुक्ति” के पोस्टर पकड़ने वाली महिला को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि महिला के खिलाफ लोगों के विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता पैदा करने समेत भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। महिला की पहचान अरुद्रा के रूप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त चेतन सिंह राठौड़ ने कहा, ‘‘हमने स्वत: संज्ञान लेते हुए लोगों के विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता पैदा करने के संबंध में मामला दर्ज किया है।’’
महिला को शहर की एक अदालत के न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने उसे पांच मार्च तक के लिए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इससे एक दिन पहले बेंगलुरु में ही सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अमूल्या लियोना नामक महिला ने ‘‘पाकिस्तान जिंदाबाद’’ के नारे लगाए थे, जिसके खिलाफ शुक्रवार को हिंदू जागरण वेदिके ने प्रदर्शन आयोजित किया था। इसी प्रदर्शन के दौरान अरुद्रा पोस्टर हाथ में थामे प्रदर्शनकारियों के बीच बैठी दिखाई दी।
शहर के पुलिस प्रमुख भास्कर राव ने बताया कि वेदिके के सदस्यों ने महिला को वहां से चले जाने को कहा, जिसके बाद उसे वहां से हटा दिया गया।
राव ने पत्रकारों से पहले कहा था, ”महिला की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे हिरासत में ले लिया गया है। हम उसके बारे में जानकारी जुटाएंगे कि वह कहां रहती है और उसके पीछे कौन है।” राव ने कहा था कि उसने नारेबाजी नहीं की।
उसके हाथ में जो पोस्टर थे, उनमें अंग्रेजी और कन्नड़ में ”कश्मीर मुक्ति,दलित मुक्ति, मुस्लिम मुक्ति” के नारे लिखे थे।
इससे पहले बृहस्पतिवार को सीएए के खिलाफ आयोजित कार्यक्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की मौजूदगी में अमूल्या लियोना ने तीन बार ”पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए थे, जिसकी औवेसी ने तुरंत निंदा की थी।
मंच से उतारे जाने के बाद उसे राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और मजिस्ट्रेट अदालत में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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