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महाराष्ट्र : महिला IAS अधिकारी को पदभार संभालने से रोका गया, जूनियर ने ले लिया डीएम का चार्ज

महाराष्ट्र में हाल ही में तबादला होकर आयीं एक महिला आईएएस अधिकारी, परभणी जिलाधिकारी के तौर पर पदभार ग्रहण नहीं कर सकीं क्योंकि विदा हो रहे जिलाधिकारी ने अंतिम समय में पदभार उप जिलाधिकारी को सौंप दिया।

07:07 PM Aug 02, 2021 IST | Ujjwal Jain

महाराष्ट्र में हाल ही में तबादला होकर आयीं एक महिला आईएएस अधिकारी, परभणी जिलाधिकारी के तौर पर पदभार ग्रहण नहीं कर सकीं क्योंकि विदा हो रहे जिलाधिकारी ने अंतिम समय में पदभार उप जिलाधिकारी को सौंप दिया।

महाराष्ट्र में हाल ही में तबादला होकर आयीं एक महिला आईएएस अधिकारी, परभणी जिलाधिकारी के तौर पर पदभार ग्रहण नहीं कर सकीं क्योंकि विदा हो रहे जिलाधिकारी ने अंतिम समय में पदभार उप जिलाधिकारी को सौंप दिया। इस मामले में एक सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा हस्तक्षेप करने के आरोप लग रहे हैं जोकि नए अधिकारी की तैनाती नहीं चाहते। 
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बिना किसी नेता का नाम लिये भाजपा के एक स्थानीय विधायक ने सोमवार को कहा कि शिवसेना को परभणी की जनता द्वारा दिये गए समर्थन को नहीं भूलना चाहिए। वहीं, एक सामाजिक संगठन ने विरोध-प्रदर्शन किया और मांग उठायी कि जनहित में तत्काल आईएएस अधिकारी अचल गोयल को पदभार सौंपा जाए। महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार है जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन सहयोगी हैं। परभणी के सांसद शिवसेना से हैं जबकि रांकापा नेता नवाब मलिक जिला प्रभारी मंत्री हैं। 
जागृत नागरिक अघाड़ी की अध्यक्ष माधुरी क्षीरसागर ने संवाददाताओं से कहा, ” सभी लोग इस बात को लेकर उत्सुक थे कि 31 जुलाई को दीपक मुगलीकर के सेवानिवृत्त होने के बाद जिलाधिकारी का पदभार कौन संभालेगा? हमे पता चला कि आईएएस अधिकारी अचल गोयल को नया जिलाधिकारी तैनात किया गया है और उनकी तैनाती की खबर अखबारों में भी प्रकाशित हुई थी। हालांकि, 31 जुलाई को राज्य सरकार ने मुगलीकर को पदभार उप जिलाधिकारी राजेश केतकर को सौंपने को कहा। ऐसा कुछ राजनेताओं के चलते हुआ जोकि शर्मनाक है। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण को लेकर किये जाने वाले दावे खोखले हैं।” 
संगठन ने इस मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हस्तक्षेप की मांग उठायी। स्थानीय भाजपा विधायक मेघना बोरडीकर ने आरोप लगाया कि कुछ राजनेताओं ने अपने हितों के चलते परभणी में कभी भी अच्छे अधिकारियों को काम करने की अनुमति नहीं दी। 
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