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वाराणसी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं की पुलिस से झड़प, कई लोग हिरासत में

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनपीआर के विरोध में गुरुवार को वाराणसी में बड़ी संख्या में महिलाएं अपने बच्चों के साथ मुस्लिम बाहुल्य बेनियाबाग में दरी बिछाकर तिरंगे के साथ धरने पर बैठ गईं।

04:58 PM Jan 23, 2020 IST | Shera Rajput

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनपीआर के विरोध में गुरुवार को वाराणसी में बड़ी संख्या में महिलाएं अपने बच्चों के साथ मुस्लिम बाहुल्य बेनियाबाग में दरी बिछाकर तिरंगे के साथ धरने पर बैठ गईं।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनपीआर के विरोध में गुरुवार को वाराणसी में बड़ी संख्या में महिलाएं अपने बच्चों के साथ मुस्लिम बाहुल्य बेनियाबाग में दरी बिछाकर तिरंगे के साथ धरने पर बैठ गईं। 
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इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंची तो लोग आक्रोशित हो गए। पुलिस संग प्रदर्शनकारियों की झड़प के बीच पथराव होने के साथ ही पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हल्का बल प्रयोग कर दिया। इसकी वजह से भगदड़ मच गई।
विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में भी ले लिया। 
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और एसएसपी प्रभाकर चौधरी कई थानों की फोर्स, पीएसी और दंगा नियंत्रक उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने बताया कि बेनियाबाग में ‘कुछ अराजक तत्व’ लोगों को भड़का कर जबरदस्ती विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। वाराणसी में धारा 144 लागू है, इसके लिए कहीं भी प्रदर्शन करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। लेकिन, यहां पर लोग बिना किसी अनुमति के सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शन करने लगे। 
डीएम ने बताया कि सभी के फोटोग्राफ लिए गए हैं। पहचान के बाद सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी प्रभाकर चैधरी ने भी बवाल के जिम्मेदार लोगों की शिनाख्त कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। 
इससे पहले कांग्रेस नेता सृष्टि कश्यप के साथ कुछ मुस्लिम महिलाएं बेनियाबाग में पोस्टर बैनर के साथ प्रदर्शन करने पहुंचीं। यहां एक पंडाल बनाया गया था। जहां दरी बिछाकर बैनर पोस्टर के साथ महिलाएं अपने बच्चों के साथ धरने पर बैठ गईं। बैनरों पर सीएए व एनआरसी के विरोध में स्लोगन लिखे हुए थे। इसकी जानकारी होने पर मौके पर पहुंची फोर्स ने मुस्लिम महिलाओं को वहां से उठा दिया। लोगों की भीड़ मौके पर बढ़ने लगी। कई थानों की फोर्स को मौके पर बुला लिया गया है। 
महिलाओं का कहना है कि सीएए हम लोगों को स्वीकार नहीं है। ये मुस्लिम विरोधी कानून है। मुस्लिम महिलाओं ने अपना नाम तक नहीं बताया। उनका कहना है कि दिल्ली में महिलाएं बच्चे संघर्ष कर रहे हैं। भाजपा सरकार देश में मुस्लिमों को रहने नहीं देना चाहती है।
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