Women's Grand Swiss जीत Vaishali Rameshbabu ने अपने लिया खोला World Championship का रास्ता
Vaishali Rameshbabu: शतरंज की दुनिया में यह सवाल हमेशा बना रहता है कि कौनसा फॉर्मेट सबसे ज्यादा टफ होता है। कुछ लोगों को नॉकआउट फॉर्मेट सही लगता है, जैसे FIDE वर्ल्ड कप जहां एक हार से बाहर होने का खतरा बना रहता है, लेकिन वापसी का भी थोड़ा मौका मिलता है।दूसरी तरफ स्विस फॉर्मेट जैसे ग्रांड स्विस है, जिसमें हर राउंड के बाद नए और In form खिलाड़ियों से टकराना पड़ता है। यहाँ पहले से नहीं पता होता कि अगला मुकाबला किससे होगा।
इसके अलावा राउंड रॉबिन स्टाइल भी है, जैसे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में, जहां सभी खिलाड़ी एक दूसरे से खेलते हैं लेकिन तैयारी का वक्त कम होता है। और सबसे आखिर में आता है वर्ल्ड चैंपियनशिप का हेड-टू-हेड मुकाबला जिसमें एक ही खिलाड़ी के खिलाफ लंबा प्लान बनाना होता है।असल में, एक वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए इन सभी चुनौतियों से गुजरना जरूरी होता है।
Vaishali Rameshbabu ने Defend किया अपना खिताब
सोमवार को समरकंद में भारत की Vaishali Rameshbabu ने Women's Grand Swiss में जबरदस्त खेल दिखाते हुए एक बार फिर यह खिताब जीत लिया। खास बात यह रही कि यह टूर्नामेंट स्विस फॉर्मेट में था, जिसमें हर राउंड के बाद अगला मैच किससे होगा, इसका कोई अंदाजा नहीं होता।
Vaishali Rameshbabu ने इस चुनौती को बखूबी संभाला और पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टाइटल अपने नाम किया। इस जीत के साथ वह फिर से वुमेंस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में क्वालिफाई कर गई हैं जो वर्ल्ड चैंपियनशिप का रास्ता खोलता है।
यह उनकी दूसरी कोशिश होगी वर्ल्ड चैंपियन बनने की, और यह दर्शाता है कि वह लगातार टॉप लेवल पर परफॉर्म कर रही हैं।
Situations से लड़कर आगे बढ़ी Vaishali Rameshbabu
Vaishali Rameshbabu भारत की तीसरी महिला ग्रैंडमास्टर हैं और उन्हें देश की सबसे मजबूत महिला शतरंज खिलाड़ियों में गिना जाता है। लेकिन कई बार उनके प्रदर्शन में उतार चढ़ाव देखा गया है। कुछ मौकों पर वह दबाव में आकर गिरती भी दिखी हैं।
फिर भी, उन्होंने अपने खेल में लगातार सुधार किया है और अब यह दूसरी बार है जब उन्होंने यह कठिन टूर्नामेंट जीता है। इससे यह साफ है कि वैशाली में वो क्षमता है जो किसी भी बड़े मंच पर जीत दिला सकती है।
पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज Shoaib Akhtar ने Salman Ali Agha की उस फैसले की कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने भारत के खिलाफ Asia Cup 2025 के मैच में पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया । यह फैसला मैदान पर उल्टा गया क्योंकि पाकिस्तानी बल्लेबाज भारत के स्पिनरों के सामने टिक न सके। पूरे 20 ओवरों में पाकिस्तान की टीम सिर्फ 127/9 रन बना सकी, जिसमें साहिबज़ादा फरहान ने 40 रन बनाये।
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