महिला शक्ति
पिछले दिनों मुझे महिषासुर मर्दनी महिला शक्ति कार्यक्रम में हिस्सा लेने का अवसर प्राप्त हुआ। वहां हजारों की संख्या में आम और खास महिलाओं को देखकर मन बहुत उत्साहित हुआ और खुशी भी हुई कि महिला अब किसी से कम नहीं। महिला देवी भी है और समय आने पर दुर्गा भी है। महिला अगर सशक्त है तो परिवार, समाज और देश सशक्त है। इसलिए आज केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों की नई-नई योजनाएं आ रही हैं ताकि महिलाओं को आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाया जाए। जैसा कि कहा जा रहा है कि हमारे देश की आधी आबादी महिलाओं की है। दूसरे शब्दों में यह कहूं कि महिला शक्ति को सलाम तो यह गलत भी नहीं है। हर क्षेत्र में महिलाएं अग्रणी हैं और पिछले दिनों अगर हम पिछले 18 से 20 वर्ष का लेखा-जोखा देखें तो महिलाओं ने वोट डालने के मामले में पुरुषों को पछाड़ दिया है। यानि कि देश के लोकतांत्रिक पर्व में हिस्सेदारी के दृष्टिकोण से महिलाएं प्रथम रही हैं।
इस कड़ी में अगर मैं इसी माह हुए बिहार विधानसभा के चुनावों का उल्लेख करूं जहां अब एनडीए की सरकार भी बन चुकी है, वहां भी महिलाओं ने दोनों चरणों में जिस तरह से वोटिंग की वह एक इतिहास बन गया है। महिलाएं अपनी शक्ति दिखा रही हैं अर्थात संविधान द्वारा दिए गए वोटिंग के अधिकार का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करते हुए अपनी जिम्मेवारी भी निभा रही हैं। ऐसे में अगर केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं के प्रोत्साहन और उन्हें आगे लाने के लिए अगर योजनाएं बना रहे हैं और उन्हें लागू कर रहे हैं तो इसका दिल खोलकर स्वागत करती हूं। महिलाओं के नाम पर जब योजनाएं बनती हैं और लागू होती हैं तो ना सिर्फ महिला जाति का ही बल्कि समाज, राज्य और देश का भला होता है। महिलाओं ने अपनी ताकत दिखाई है इसीलिए राज्य उनके विकास के लिए ढेरों योजनाएं ला रहे हैं।
बिहार की ही बात करें वहां मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना जिसमें बच्ची का जन्म, महिलाओं की बीए तथा अन्य योजनाएं शामिल हैं, बेहद सफल रही। इसी कड़ी में वहां महिला उद्यमी योजना, कन्या सुरक्षा योजना और किशोरी प्रोत्साहन योजना के तहत महिलाओं की मदद हो रही है तो इसका स्वागत है। दिल्ली के पड़ौस में बसा हरियाणा अपने यहां लाडाे लक्ष्मी योजना लेकर आया तो उसके प्रति भी पूरे राज्य में क्रेज नजर आया और सरकारी सिस्टम में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। महाराष्ट्र में बेटियों, माताओं के लिए इस योजना का नाम है लाडकी बहन प्रोत्साहन योजना। जबकि मध्य प्रदेश में लाडली लक्ष्मी बहना योजना जब लोगाें के दिलों पर छायी तो वहां सब ने एनडीए पर भरोसा किया। अगर यूपी की बात करें तो वहां कन्या सुमंगला योजना, विधवा वित्तीय योजना और महिला रोजगार योजना चल रही है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए, जबकि अब बात करते हैं दिल्ली की जहां महिलाओं के विकास और प्रोत्साहन के लिए अनेक योजनाएं चल रही हैं और महिलाएं उससे लाभ प्राप्त कर रही हैं।
मेरा कहने का मतलब यह है कि देश की आधी आबादी की महिलाओं को जो लाभ मिल रहे हैं उससे हर तरफ कल्याण की हवाएं और विकास के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। इसे लोगों के सामूहिक कल्याण से जोड़कर देखा जाए तो इसके लाभ ही लाभ हैं। किसी भी विपक्षी नेता का किसी भी सरकारी योजना को राजनीति से जोड़ देना आसान है और आरोप लगाना उससे भी आसान है लेकिन जो सरकारें इन्हें बनाती हैं और निभाती हैं यह कठिन काम है। दिल्ली में बिजली, पानी के अलावा मुफ्त यात्रा जो महिलाओं को प्रदान की जाती है अब यह अनेक राज्यों में स्थायी तौर पर लागू कर दिया गया है। इसके अलावा अगर हम पीएम योजना के तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन वितरण की बात करें तो वह भी स्वागत योग्य है जिसके तहत प्रमाणित किया जा सकता है कि देश में भुखमरी नहीं है।
इसी कड़ी में अगर उज्ज्वला योजना के तहत चूल्हे से रसोई चलाने वालों को अगर आज की तारीख में एलपीजी गैस मिलती है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। योजनाएं जब जन मानस के हित के लिए बनायी जाती हैं तो देश में विकास होता है। मुझे यह भी कहना है कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अनेक राज्यों ने बुजुर्गों के स्वास्थ्य और उनके मनोरंजन तथा तीर्थ यात्राओं के लिए भी योजनाएं चला रखी हैं, हम उसका भी स्वागत करते हैं। महिलाएं, बच्चे, युवक और बुजुर्गों के लिए जब-जब सरकार की येाजनाएं बनेंगी और वह लागू होंगी तो चुनाव तो क्या और भी बड़े-बड़े मुकाबले योजना बनाने वालों के पक्ष में जाते रहेंगे जिसका हम स्वागत करते हैं।