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India ने America को द्वितीय विश्व युद्ध के अमेरिकी पैराशूट, वर्दी व हवाई जहाज के हिस्से सौंपे

07:07 PM Nov 10, 2023 IST
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शुक्रवार को भारत और अमेरिका के बीच 2 प्लस 2 मीटिंग में दोनों देशों की ओर से कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। भारत में अमेरिकी रक्षा मंत्री को अमेरिकी सेना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण चीजें भेंट की गई। जिसमें सेकंड वर्ल्ड वार से जुड़ी अमेरिकी सेना की यूनिफार्म और अमेरिकी हवाई जहाज के हिस्सों समेत वस्तुएं शामिल हैं।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा पीओडब्ल्यू एमआईए अकाउंटिंग एजेंसी मिशन के हिस्से के रूप में असम में बरामद इन वस्तुओं को प्रतीकात्मक रूप से अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन को सौंपा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन वस्तुओं में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की अमेरिकी सेनाओं के पैराशूट, वर्दी और हवाई जहाज के हिस्से शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि दोनों देशों के मंत्रियों ने बातचीत के अंत में अपनी टीमों के लिए भविष्य के संयुक्त कार्य के लिए एक एजेंडा तैयार किया।

दरअसल, अमेरिका की रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है।

इस संबंध में आधिकारिक जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 10 नवंबर को नई दिल्ली में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने व्यापक रक्षा और रणनीतिक विषयों पर चर्चा की। बातचीत में रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने तथा दोनों पक्षों के रक्षा उद्योगों को एक साथ मिल कर सहयोगपूर्वक सह-विकास और रक्षा प्रणालियों का सह-उत्पादन करने पर विशेष फोकस किया गया।

दोनों देशों के मंत्रियों ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान के साथ अपने रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाने के उपायों और साधनों पर चर्चा की। उन्होंने भारत-अमेरिका रक्षा औद्योगिक इकोसिस्टम, इंडस-एक्स की प्रगति की समीक्षा की, जिसे इस वर्ष जून में लॉन्च किया गया था। इंडस-एक्स का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सरकारों, व्यवसायों और अकादमिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी तथा रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करना है। अमरीकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने बहरीन स्थित मुख्यालय वाली बहुपक्षीय संरचना, संयुक्त समुद्री बलों की पूर्ण सदस्यता बढ़ाने के भारत के निर्णय का स्वागत किया।

 

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