World Environment Day 2025: राजस्थान को रामसर साइट की मान्यता, भारत में कुल संख्या 91 पहुंची
भारत में रामसर साइट्स की संख्या 91, पर्यावरण के लिए बड़ी उपलब्धि
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजस्थान के मेनार और खीचन को रामसर साइट की मान्यता मिलने से भारत में कुल 91 स्थलों की संख्या हो गई है। इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री मोदी की पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण माना जा रहा है।
आज यानी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में सभी लोग इसकी तैयारियों में जुटे हैं। वहीं, विश्व पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले राजस्थान के लिए अच्छी खबर आई है। पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों में ब्रिटेन के मेनार और फलौदी के खीचन को भारत की वेटलैंड हेरिटेज से जोड़ा गया है। ये दोनों ही वेटलैंड में जोड़े जाने वाले नए स्थल हैं। इस घोषणा के साथ ही भारत में अब कुल 91 रामसर स्थल हो गए हैं।
Tally 91!
On the eve of #EnvironmentDay, India has two new entrants to the list of Wetlands of International Importance.
The latest to join the list of Ramsar sites in India are:
1⃣ Khichan, in Phalodi, Rajasthan
2⃣ Menar in Udaipur, RajasthanThis addition takes our tally… pic.twitter.com/OcnbzIqKVg
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) June 4, 2025
सांसद भूपेंद्र यादव ने दी जानकारी
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा अलवर से लोकसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने ट्विटर (पूर्व में ट्विटर) पर इस खबर की घोषणा की। यादव ने ट्विटर पर लिखा, “यह उपलब्धि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पर्यावरण संरक्षण के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है।भारत के लोगों, विशेषकर राजस्थान के लोगों को हरित कल की दिशा में इस महत्वपूर्ण कदम के लिए बधाई।”
Great news! India’s strides in environmental conservation are happening with great vigour and are powered by public participation. https://t.co/D7kJbg5kSX
— Narendra Modi (@narendramodi) June 4, 2025
पीएम मोदी बोले- तेजी से प्रगति हो रही
प्रधानमंत्री मोदी ने भी सांसद यादव की खबर का स्वागत किया और एक्स पर लिखा, “बहुत अच्छी खबर! भारत पर्यावरण संरक्षण में तेजी से प्रगति कर रहा है और इसमें जनभागीदारी भी शामिल है।”
वेटलैंड क्या है?
वेटलैंड वे क्षेत्र हैं जहां पानी मिट्टी को ढकता है या मौसमी या पूरे साल मौजूद रहता है। ये पारिस्थितिकी तंत्र जैव विविधता को बनाए रखने, बाढ़ को कम करने और प्रदूषकों को छानने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे पौधों और जानवरों की कई प्रजातियों के लिए आवास के रूप में काम करते हैं – विशेष रूप से पक्षी, मछली और उभयचर – और ग्रह के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
रामसर साइट क्या है?
रामसर साइट एक आर्द्रभूमि है जिसे आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व के रूप में नामित किया गया है, यह ईरानी शहर रामसर में 1971 में अपनाई गई एक अंतर-सरकारी संधि है। कन्वेंशन का उद्देश्य आर्द्रभूमि के संरक्षण और बुद्धिमानी से उपयोग को सुनिश्चित करना है ताकि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए उनके पारिस्थितिक चरित्र और लाभों को बनाए रखा जा सके।रामसर-निर्दिष्ट स्थलों को उनके पर्यावरणीय, आर्थिक और सांस्कृतिक मूल्य के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
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