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Israeli Airstrike : सीरिया-लेबनान सीमा पर इजरायली सेना ने मत्राबाह क्रॉसिंग के पास एक ब्रिज को निशाना बनाकर हवाई हमला किया, जिसमें आठ लोग घायल हो गए। गुरुवार को प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, घायलों में चार सीमा नियंत्रण पुलिसकर्मी और चार कस्टम अधिकारी शामिल हैं। इस हमले के परिणामस्वरूप ब्रिज को भारी क्षति पहुंची है।
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मीडिया के अनुसार, यह इजरायली हमला तब हुआ जब सोमवार को लेबनान में इजरायल की सैन्य गतिविधियों में वृद्धि देखी गई थी। मत्राबाह क्रॉसिंग, जो मध्य सीरिया के होम्स प्रांत के अल-कुसायर क्षेत्र को लेबनान से जोड़ता है, का उपयोग हाल ही में सीरिया में शरण लेने वाले विस्थापित लेबनानी लोगों द्वारा किया जा रहा था। लेबनानी सैन्य सूत्रों ने बताया कि इजरायली लड़ाकू विमानों ने बेका क्षेत्र में चार सीमा चौकियों पर आठ हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें दागीं, जिससे न केवल ब्रिज, बल्कि कई नौकाएं भी नष्ट हो गईं। हालांकि, सूत्रों ने हताहतों की संख्या के बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार किया।
इस हमले का उद्देश्य सीमा पर सुरक्षा को बाधित करना और संभावित आतंकवादी गतिविधियों को रोकना हो सकता है। इजरायल द्वारा सीमा क्षेत्रों में नियमित हवाई हमले किए जाते रहे हैं, जिनमें से अधिकांश का लक्ष्य ईरान समर्थित समूहों और उनके आक्रमणों को नाकाम करना होता है। लेबनान और सीरिया के बीच के सीमा क्षेत्र में तनाव बढ़ने के साथ, यह हमला उस समय हुआ है जब क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति गंभीर है। हाल के महीनों में, लेबनान के सशस्त्र समूहों ने इजरायल के खिलाफ कई बार हमले किए हैं, जिसके जवाब में इजरायल ने अपनी सैन्य कार्रवाई को तेज कर दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल का यह हमला दर्शाता है कि वह अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। मत्राबाह क्रॉसिंग जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर हवाई हमलों से स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न होता है, जो पहले से ही संकटग्रस्त हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के हवाई हमले भविष्य में भी जारी रह सकते हैं, खासकर जब तक क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता बनी रहती है।
बता दें कि, सीरिया और लेबनान के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में यह नया घटनाक्रम इस बात की पुष्टि करता है कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा स्थिति कितनी नाजुक है। ऐसे हमले स्थानीय निवासियों के लिए जीवन को और भी कठिन बना देते हैं, जो पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इजरायली अधिकारियों ने इस हमले के संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनकी सैन्य नीति ने हमेशा अपने सुरक्षा हितों की प्राथमिकता दी है।