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मालदीव के विदेश मंत्री ने भारतीय दूत से की मुलाकात, दोनों देशों के बीच संबंधों पर किया विचार

10:47 AM Oct 02, 2024 IST
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मालदीव : मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने हाल ही में मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर से मुलाकात की, जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और पड़ोसी संबंधों पर चर्चा की। यह मुलाकात खलील की नई भूमिका में उच्चायुक्त के साथ पहली बैठक थी, और इसमें उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए संभावित नए रास्तों की तलाश पर ध्यान केंद्रित किया। खलील ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'आज मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर से मिलकर खुशी हुई। हमारी चर्चा चल रहे सहयोग पर केंद्रित रही, साथ ही दोनों देशों के बीच स्थायी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नए रास्ते तलाशने पर भी विचार किया गया।'

Highlight :

  • मालदीव-भारत संबंधों पर चर्चा
  • राष्ट्रपति मुइज़ू की भारत यात्रा की योजना
  • अब्दुल्ला खलील ने भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर से मुलाकात की 

मालदीव के विदेश मंत्री ने भारतीय दूत से की मुलाकात

इस मुलाकात के कुछ दिन पहले, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि वह जल्द ही भारत आने की योजना बना रहे हैं। मुइज़ू ने दोनों देशों के बीच "बहुत मजबूत" द्विपक्षीय संबंधों की सराहना की और बताया कि यह उनकी दूसरी भारत यात्रा होगी। इससे पहले, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जून में भारत का दौरा किया था। हालांकि, मुइज़ू की सरकार ने सत्ता में आने के बाद से अपने पहले विदेश यात्राओं की परंपरा को बदल दिया है, जब पहले के राष्ट्रपति अपनी पहली यात्रा भारत में करते थे। इस बार मुइज़ू ने पहले तुर्की और फिर चीन का दौरा किया, जिससे भारत-मालदीव संबंधों में कुछ खटास आई थी।

मालदीव में मुइज़ू सरकार ने भारत के प्रति अपने रुख में बदलाव करते हुए सुलह का रास्ता अपनाया है। इससे पहले, मुइज़ू ने अपने राष्ट्रपति अभियान के दौरान 'इंडिया आउट' का नारा दिया था, जिसमें भारतीय सैनिकों को देश से हटाने का मुद्दा प्रमुख था। यह मुद्दा मालदीव में कूटनीतिक विवादों का कारण बना था। विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया मुलाकात और राष्ट्रपति की भारत यात्रा की योजना दोनों देशों के बीच संबंधों को पुनः स्थापित करने के प्रयासों का हिस्सा हैं। भारत और मालदीव के बीच पारंपरिक सहयोग, सुरक्षा, और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि दोनों देशों के नेता मिलकर काम करें।

बता दें कि, मलदीव की नई सरकार ने भारत के साथ अपने संबंधों को बहाल करने की दिशा में कदम उठाए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देश अपनी पारंपरिक मित्रता को फिर से मजबूत करने के लिए तैयार हैं। यह बदलाव दोनों देशों के लिए सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि मालदीव एक महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति में स्थित है और भारतीय सुरक्षा रणनीति में इसकी अहमियत है। आगामी समय में, यदि मुइज़ू की भारत यात्रा सफल होती है, तो यह मालदीव-भारत संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है।

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