विदेश मंत्री एस जयशंकर और माइकल रोथ की मुलाकात : भारत-जर्मनी के बीच नए सहयोग पर चर्चा
एस जयशंकर : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को जर्मनी में विदेश मामलों पर डॉयचर बुंडेस्टैग समिति के अध्यक्ष माइकल रोथ से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक में, दोनों नेताओं ने मौजूदा वैश्विक चुनौतियों और भारत-जर्मनी के बीच नए सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। जयशंकर ने अपने एक्स पर इस मुलाकात की जानकारी साझा करते हुए कहा, विदेश मामलों पर डॉयचर बुंडेस्टैग समिति के सांसद और अध्यक्ष श्री माइकल रोथ से मिलकर खुशी हुई। मौजूदा वैश्विक चुनौतियों और भारत और जर्मनी के बीच नए सहयोग की संभावनाओं पर विचार साझा किए।
Highlight :
- जयशंकर और माइकल रोथ की मुलाकात
- भारत-जर्मनी सहयोग के मुद्दे
- अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श
जयशंकर और माइकल रोथ की मुलाकात
इससे पहले, जयशंकर ने जर्मनी की यात्रा के दौरान बर्लिन में जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक से भी मुलाकात की। इस बैठक में, भारत और जर्मनी के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें यूक्रेन, गाजा संघर्ष और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र शामिल थे। जयशंकर ने इस मुलाकात के दौरान व्यापार और निवेश, हरित और सतत विकास, कुशल श्रमिकों की गतिशीलता, प्रौद्योगिकी और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया।
भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का जायजा
जयशंकर ने एक्स पर साझा की गई तस्वीरों के साथ कहा, आज बर्लिन में विदेश मंत्री @ABaerbock के साथ व्यापक चर्चा की। हमने भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का जायजा लिया, जिसमें व्यापार और निवेश, हरित और सतत विकास, कुशल श्रमिकों की गतिशीलता, प्रौद्योगिकी और रक्षा और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया। हमने यूक्रेन, गाजा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया। 7वें अंतर-सरकारी परामर्श के लिए भारत में उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।
भारत और जर्मनी के बीच बढ़ते संपर्क और संयुक्त अभ्यासों की ओर संकेत
बैठक के दौरान, जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की यूक्रेन यात्रा पर भी चर्चा की। उन्होंने पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व की स्थिति, विशेष रूप से गाजा संघर्ष और इसके प्रभावों के बारे में बात की। इसके अतिरिक्त, जयशंकर ने यूरोपीय संघ के साथ सहयोग पर भी चर्चा की और आशा जताई कि आने वाले आयोग के साथ मुक्त व्यापार समझौते और अन्य समझौतों पर तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने जर्मनी के समर्थन पर भरोसा जताया और व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की जल्द ही एक बैठक आयोजित करने की योजना की भी बात की।
जयशंकर ने भारत और जर्मनी के बीच बढ़ते संपर्क और संयुक्त अभ्यासों की ओर भी संकेत दिया, जिसमें इस साल दोनों देशों के पहले हवाई अभ्यास का उल्लेख किया। इस यात्रा के दौरान, भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
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