निर्मला सीतारमण की उज्बेकिस्तान यात्रा : अक्षय ऊर्जा और UPI पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा
निर्मला सीतारमण : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समरकंद में उज्बेकिस्तान के व्यापार मंत्री लाजीज कुद्रातोव के साथ मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में अक्षय ऊर्जा, उर्वरक, और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।
Highlight :
- बैठक में भारत के यूपीआई और रुपे कार्ड के महत्व पर चर्चा की गई
- अक्षय ऊर्जा और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
- द्विपक्षीय व्यापार को मिल सकता है बढ़ावा
समरकंद में सीतारमण और उज्बेकिस्तान मंत्री की बैठक
सीतारमण और कुद्रातोव ने भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) की दिशा में सफल समझौतों का स्वागत किया। दोनों नेताओं का मानना था कि बीआईटी पर हस्ताक्षर करने से दोनों देशों के बाजारों में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य, पर्यटन, उच्च शिक्षा, कपड़ा, दवा, और कृषि जैसे क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने एक्स पर साझा किए गए एक पोस्ट में कहा, 'केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज समरकंद में एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की वार्षिक बैठक से पहले उज्बेकिस्तान गणराज्य के निवेश, उद्योग और व्यापार मंत्री लाजीज कुद्रातोव से मुलाकात की।' बैठक में, दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार और संपर्क को बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की।
रुपे कार्ड और यूपीआई तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर अधिक जोर
इस दौरान, सीतारमण ने भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति के बारे में जानकारी दी, जिसमें रुपे कार्ड और यूपीआई तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। कुद्रातोव ने भारत की विकास कहानी की सराहना की और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए सहयोग के महत्व पर बल दिया। सीतारमण ने मंगलवार को उज्बेकिस्तान की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा शुरू की। इस यात्रा के दौरान, वह समरकंद में 27-28 सितंबर को होने वाली एआईआईबी की नौवीं वार्षिक बैठक में भाग लेंगी। इसके अलावा, सीतारमण अन्य महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकों में भी शामिल होंगी, जिनमें उज्बेकिस्तान, कतर, और चीन के वित्त मंत्रियों के साथ चर्चा होगी।
दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलने की संभावना
एआईआईबी की वार्षिक बैठक में लगभग 80 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह बैठक एशिया में टिकाऊ बुनियादी ढाँचे के विकास और उत्पादक क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। भारत, जो इस बैंक का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है, एआईआईबी के भारतीय गवर्नर के रूप में भी भाग लेगा। निर्मला सीतारमण की इस यात्रा और द्विपक्षीय चर्चाओं से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलने की संभावना है, जो भविष्य में आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगी। इस पहल से न केवल व्यापार बढ़ेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच साझेदारी और सहयोग के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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