देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Advertisement
पाकिस्तान : कराची में चिकनगुनिया और डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों के मामलों में हालिया वृद्धि की सूचना मिली है। स्वास्थ्य सुविधाओं ने बताया है कि सर्दियों के आगमन के साथ इन बीमारियों के मामलों में और वृद्धि की संभावना है। विशेषज्ञों ने मच्छरों के प्रजनन स्थलों और बीमारी के अन्य स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है।
Highlight :
सिविल अस्पताल कराची के अधिकारियों ने खुलासा किया कि अस्पताल के आपातकालीन और ओपीडी में चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार के लक्षणों वाले रोगियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आपातकालीन विभाग के प्रमुख इमरान सरवर जी शेख ने बताया कि हाल के दिनों में उन्हें चिकनगुनिया के लक्षणों वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है। उन्होंने कहा, हम औसतन प्रतिदिन लगभग 50 मरीजों को चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षणों के साथ देखते हैं। हाल की बारिश के बाद स्थानीय क्षेत्रों में स्थिर पानी को इस वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
सीएचके में वरिष्ठ जनरल फिजिशियन अल्ताफ हुसैन खत्री ने भी इस समस्या की गंभीरता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि लगभग 80 प्रतिशत दैनिक रोगियों में चिकनगुनिया के लक्षण होते हैं। खत्री ने कहा, इसकी डायग्नोस्टिक जांच की लागत लगभग 4,000 पाकिस्तानी रुपये है, जिसे अधिकांश रोगी वहन नहीं कर सकते। इसलिए, हम सामान्यतः रोगी के लक्षणों और उनके चिकित्सा इतिहास के आधार पर ही उपचार करते हैं।
जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर के अधिकारियों ने भी मच्छर जनित बीमारियों में वृद्धि की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने विशिष्ट आंकड़े प्रदान करने में असमर्थता जताई। शिरीन जिन्ना कॉलोनी के वरिष्ठ जनरल फिजिशियन अब्दुल गफूर शोरो ने बताया कि फ्लू जैसे लक्षणों वाले वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि हुई है, जिसके बाद चिकनगुनिया और डेंगू के संदिग्ध मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा, अधिकांश रोगी वित्तीय कारणों से प्रयोगशाला परीक्षण नहीं करवाते हैं। इसलिए, हम यह नहीं कह सकते कि वे किस वायरल बीमारी से पीड़ित हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय मच्छर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए वेक्टर-नियंत्रण उपायों को लागू करना अत्यंत आवश्यक है। यदि इसे नजरअंदाज किया गया, तो आने वाले महीनों में मामलों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है। इस बीच, डॉक्टरों ने लक्षणात्मक उपचार की सलाह दी है, जिसमें रोगी आमतौर पर पाँच से सात दिनों में ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में, मरीजों को सीबीसी टेस्ट और छाती का एक्स-रे करवाने की भी सलाह दी जाती है। बता दें कि, कराची में चिकनगुनिया और डेंगू के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय बन गया है, और इसके प्रति जागरूकता और प्रभावी नीतियों की आवश्यकता है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
saumyasinghjnp3@gmail.com