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रूस में PM मोदी का 'ग्रैंड वेलकम', चीन से ज्यादा मिली भारत को तवज्जो

07:35 AM Jul 09, 2024 IST
रूस में pm मोदी का  ग्रैंड वेलकम   चीन से ज्यादा मिली भारत को तवज्जो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर हैं। रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचने पर सोमवार वनुकोवो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पीएम मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा के कार्यक्रम में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ रात्रिभोज, भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत और 22वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन शामिल है, जहां दोनों देशों के नेता वैश्विक हित के कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

  • PM मोदी रूस के दौरे पर हैं
  • मॉस्को पहुंचने पर एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ
  • उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया
  • दोनों देशों के नेता वैश्विक हित के कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे

रूस के पहले डिप्टी PM ने किया PM मोदी का स्वागत



ऐसे में जिस बात ने दुनिया के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है, वह यह कि रूस आगमन के दौरान PM मोदी को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर' और उनका वहां हुआ भव्य स्वागत। PM मोदी का स्वागत रूस के पहले उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने किया। वह भारतीय पीएम के साथ हवाई अड्डे से होटल तक एक ही कार में गए। विशेष रूप से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हाल की रूस यात्रा पर रूसी उप प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया था, जो पहले उप प्रधानमंत्री के साथ वरिष्ठता के क्रम में दूसरे स्थान पर हैं। यानी ये पहला मौका था जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने किसी विदेशी शासनाध्यक्ष के लिए देश के हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी के लिए देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री को भेजा हो। राष्ट्रपति पुतिन के ठीक नीचे रूस के सर्वोच्च पदस्थ लीडर द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री का रेड कार्पेट वेलकम का यह भाव, इस बात का स्पष्ट संदेश देता है कि रूस भारत के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है।

दोनों देशों के बीच दोस्ती हुई मजबूत



भारत और रूस के संबंधों ने अतीत में कई तूफानों का सामना किया है, उसके बाद भी दोनों देशों के बीच दोस्ती पहले से कहीं अधिक बेहतर और मजबूत हुई है। आर्थिक मोर्चे पर बात करें तो रूस दशकों से भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है। यूक्रेन के साथ अपने सैन्य संघर्ष के बाद, भारत रियायती रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक बना रहा, जिससे उसकी कमाई और राजस्व में वृद्धि हुई। जहां भारत और रूस 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं, वहीं चीनी समेत विश्व मीडिया की नजरें बैठक के नतीजे और निष्कर्ष पर टिकी रहेंगी। ऐसे में रूस में भारतीय प्रधानमंत्री का इतना भव्य स्वागत इस बात को दोहराता है कि वह तेजी से बदल रहे वैश्विक परिदृश्य में भारत के साथ अपने संबंधों में कितना महत्व देता है और उसमें विश्वास रखता है। भारत ने हाल ही में पश्चिमी शक्तियों के साथ अपने रक्षा संबंधों में विविधता लाई है, ऐसे में यह भी उम्मीद है कि वह हथियारों के आयात के लिए एक देश पर निर्भर नहीं रहेगा।

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Yogita Tyagi

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Hello, I'm Yogita Tyagi your wordsmith at Punjab Kesari Digital. Simplifying politics and health in Hindi, one story at a time. Let's make news easy and fun.

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