World Pneumonia Day 2025: हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) मनाया जाता है। यह दिन लोगों को फेफड़ों की सुरक्षा और गंभीर श्वसन रोगों (Respiratory Diseases) के प्रति जागरूक करने के लिए समर्पित है। निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो फेफड़ों में संक्रमण पैदा करती है और इसका कारण बैक्टीरिया, वायरस या कभी-कभी फंगस भी हो सकता है। इससे मरीज को तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Advertisement
World Pneumonia Day 2025 Theme: 'हर सांस मायने रखती है...' विश्व निमोनिया दिवस 2025 की थीम
World Pneumonia Day 2025 (Photo: AI Generated)
वर्ष 2025 में World Pneumonia Day 2025 की थीम है- "हर सांस मायने रखती है" (Protecting Every Breath: Stronger Lungs for All)। यह थीम इस विचार पर ज़ोर देता है कि स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ फेफड़े ज़रूरी हैं, और हर व्यक्ति, चाहे उसकी उम्र या आय कुछ भी हो, ऐसी देखभाल पाने का हक़दार है जो उसके फेफड़ों को सुरक्षित रखे।
निमोनिया के दौरान और इसके बाद फेफड़ों की शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे समय में शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना बेहद जरूरी होता है। इसी बीच योग और प्राणायाम शरीर को न केवल आराम पहुंचाते हैं, बल्कि फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने की क्षमता को भी मजबूत करते हैं।
Winter Benefits of Asanas: फेफड़ों को मजबूत रखने के लिए सर्दियों में करें ये योगासन और प्राणायाम
World Pneumonia Day 2025 (Photo: Freepik)
1. भुजंगासन
यह आसन फेफड़ों में अंदर तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। निमोनिया से उबरते समय अक्सर मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है, और छाती में जकड़न रहती है। भुजंगासन इस जकड़न को कम करता है और फेफड़ों की मांसपेशियों को मजबूत बनाकर शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है। इसका नियमित अभ्यास रिकवरी की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाता है।
2. मत्स्यासन
यह आसन फेफड़ों में रक्त का संचार बढ़ाने में सहायक होता है। फेफड़ों की मांसपेशियों को पर्याप्त खून और पोषण मिलने से उनकी ताकत बढ़ती है। इस आसन से निमोनिया के बाद फेफड़ों की रिकवरी जल्दी होती है और सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार आता है।
3. अनुलोम-विलोम
यह प्राणायाम फेफड़ों के लिए बेहद लाभकारी है। यह सांस की नलियों को साफ रखता है और फेफड़ों की क्षमता को बनाए रखता है। जब व्यक्ति निमोनिया से उबर रहा होता है, तो श्वसन तंत्र अक्सर सुस्त और कमजोर होता है। इस प्राणायाम से धीरे-धीरे फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है और संक्रमण के बाद शरीर जल्दी ऊर्जा महसूस करता है।
4. कपालभाति
यह प्राणायाम शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह केवल फेफड़ों की सफाई नहीं करता, बल्कि उन्हें मजबूत भी बनाता है। निमोनिया के बाद फेफड़ों में अक्सर कफ और नमी जमा रहती है, जो सांस लेने में बाधा डालती है। कपालभाति प्राणायाम इन समस्याओं को कम करता है और श्वसन प्रणाली को सक्रिय बनाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
World Pneumonia Day History: विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास
World Pneumonia Day 2025 (Photo: Freepik)
विश्व निमोनिया दिवस की शुरुआत 2009 में वैश्विक गठबंधन द्वारा की गई थी। यह जन स्वास्थ्य संगठनों का एक समूह है जो निमोनिया की गंभीरता और हर साल 800,000 से ज़्यादा बच्चों की जान लेने वाले इस महामारी के बारे में जागरूकता की कमी को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। रोकथाम और उपचार योग्य होने के बावजूद, निमोनिया दुनिया भर में बच्चों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बना हुआ है। निमोनिया की रोकथाम और उपचार को प्राथमिकता देने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी।