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स्क्रीन से दिलों तक! क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड टेलीविजन डे? जानें भारत में TV की रोमांचक यात्रा

04:24 PM Nov 21, 2025 IST | Bhawana Rawat
स्क्रीन से दिलों तक  क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड टेलीविजन डे  जानें भारत में tv की रोमांचक यात्रा

World Television Day 2025: हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में एक स्क्रीन ऐसी है, जिसने दुनिया को देखने और सोचने का नजरिया ही बदल दिया। ये स्क्रीन कुछ और नहीं, बल्कि टेलीविजन है। आपको वो समय याद है, जब पूरे मोहल्ले और गांव में सिर्फ एक टीवी हुआ करता था। क्रिकेट मैच हो या कोई फिल्म, सब लोग एक साथ जमा होकर टीवी देखते थे।

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उस दौर में टीवी सिर्फ एक मशीन नहीं बल्कि परिवार का हिस्सा हुआ करता था। एक ऐसी खिड़की, जिसके जरिए घर बैठे पूरी दुनिया की हलचल को देखते थे। यही टीवी मनोरंजन का साधन था, कभी ख़बरों का भरोसेमंद जरिया। धीरे-धीरे तकनीक बढ़ती गई, मोबाइल आए और फिर इंटरनेट, लेकिन टीवी की पकड़ आज भी उतनी ही मजबूत है।

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हर साल 21 नवंबर को World Television Day मनाया जाता है। आज इस मौके पर आपको बताते हैं कि वर्ल्ड टेलीविजन डे क्यों मनाया जाता है, भारत में टीवी कैसी आया और कुछ Iconic childhood TV shows के बारे में।

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World Television Day 2025: वर्ल्ड टेलीविजन डे क्यों मनाया जाता है ?

World Television Day 2025
वर्ल्ड टेलीविजन डे क्यों मनाया जा जाता है? (Image- Social Media)

21 नवंबर, 1996 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने पहली बार विश्व टेलीविजन फोरम का आयोजन किया। इस मंच पर नेता, नीति-निर्माता, पत्रकार और मीडिया विशेषज्ञ एक जगह बैठे। उस समय में टीवी सबसे प्रभावशाली संचार माध्यम था। इसके जरिए ही देश-दुनिया की खबरे, शोज और फिल्में देख पाते थे। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने संदेश दिया कि टेलीविजन सिर्फ मनोरंजन का नहीं, बल्कि वैश्विक संवाद का एक पुल है। इसी के साथ 21 नवंबर को आधिकारिक तौर पर विश्व टेलीविजन दिवस घोषित कर दिया गया।

भारत में टेलीविजन कैसे आया?

World Television Day 2025
भारत में टेलीविजन कैसे आया? (Image- Social Media)

भारत में टेलीविजन आजादी के बाद आया। यूनेस्को की मदद से 15 सितंबर 1959 को नई दिल्ली में ऑल इंडिया रेडियो के तहत टीवी प्रसारण की शुरुआत हुई। आकाशवाणी भवन में टीवी का पहला ऑडिटोरियम बनाया गया, जिसका उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था।

शुरुआत में हफ्ते में बस दो दिन लगभग एक-एक घंटे के कार्यक्रम प्रसारित होते थे। इन कार्यक्रमों का मकसद नागरिकों को स्वास्थ्य, ट्रैफिक नियमों और जरूरी सामाजिक विषयों के बारे में जागरूक करना था। 1972 में टीवी सेवाएं मुंबई और अमृतसर तक पहुंचीं और धीरे-धीरे 1975 तक 7 शहरों में प्रसारण शुरू हो चुका था। 1980 तक टीवी देश के बड़े हिस्से में फैल चुका था।

Iconic Childhood TV Shows: क्या आपने देखे हैं ये टीवी शोज?

World Television Day 2025
क्या आपने देखे हैं ये टीवी शोज? (Image- Social Media)
  • रामायण (1993)
  • शक्तिमान (1997)
  • सोन परी (2000)
  • करिश्मा का करिश्मा (2003)
  • शाका लाका बूम बूम (2000)
  • हातिम (2003)
  • डोरेमोन (2005)
  • छोटा भीम (2008)
  • शरारत (2003)

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Bhawana Rawat

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