World Wildlife Day: Sudarshan Patnaik ने रेत कला से दिया संरक्षण का संदेश
Sudarshan Patnaik की ‘आई लव वाइल्डलाइफ’ रेत कला ने खींचा ध्यान
प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट पर रेत से एक कलाकृति बनाकर ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ पर वन्यजीव संरक्षण की अहमियत समझाई। पटनायक ने कहा, “आज हम विश्व वन्यजीव दिवस मना रहे हैं, जो वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। मेरी रेत की कलाकृति ‘आई लव वाइल्डलाइफ’ का संदेश देती है।”
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के संबंध में अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “विश्व वन्यजीव दिवस पर, आइए हम अपने ग्रह की अविश्वसनीय जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हर प्रजाति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है – आइए आने वाली पीढ़ियों के लिए उनके भविष्य की रक्षा करें! हम वन्यजीवों के संरक्षण और सुरक्षा में भारत के योगदान पर भी गर्व करते हैं।”
20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अपने 68वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र विश्व वन्यजीव दिवस की घोषणा की थी। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन 1973 में वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
विश्व वन्यजीव दिवस हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है, जो वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का सबक देता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संतुलन बनाए रखने, वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके संरक्षण की दिशा में वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देना है। पहली बार 2014 में विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया था।
हर साल संयुक्त राष्ट्र इस दिन के लिए एक विशेष थीम तय करता है। 2025 की थीम “वन्यजीव संरक्षण वित्त: लोगों और ग्रह में निवेश” है। वन्य जीव और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पृथ्वी पर उनका संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।